सचिन तेंदुलकर से जुड़ी कुछ रोचक बातें

क्रिकेट के भगवान माने जाने वाले सचिन तेंदुलकर को तो आप ज़रूर जानते होंगे। आप में से कई लोग ऐसे होंगे जो क्रिकेट सिर्फ सचिन के लिए ही देखा करते होंगे। वैसे तो सचिन ने क्रिकेट से सन्यास ले लिया है लेकिन उनके चाहने वाले आज भी उन्हें उतना ही चाहते है। यह अकेले ऐसे खिलाड़ी है जिन्हें राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार दिया जा चुका है और 2008 में इन्हें पदम विभूषण से भी पुरस्कृत किया गया था।तो आज की इस पोस्ट में हम सचिन तेंदुलकर के बारे में रोचक जानकारी अजीबो गरीब तथ्य जो कि आप नहीं जानते सब बताने वाले हैं। तो पढ़िए सचिन तेंदुलकर से जुड़े कुछ ऱोचक तथ्य।

* यह बहुत कम लोग ही जानते हैं कि सचिन तेंदुलकर अपने पिता रमेश तेंदुलकर की दूसरी पत्नी के पुत्र है। रमेश तेंदुलकर की पहली पत्नी से तीन संताने हुई, अजीत, नितिन और सविता तीनों सचिन से बड़े है।

* स्कूल टाइम में सचिन अपने दोस्तों के साथ वड़ा पाव खाने का कॉम्पीटीशन रखते थे। विनोद कांबली को वे कई बार इस रेस में हरा चुके हैं।

* 1995 में सचिन तेंदुलकर नकली मूंछ-दाढ़ी और चश्मा लगाकर फ़िल्म ‘रोजा’ देखने गए थे, लेकिन उनका चश्मा गिरते ही सिनेमा हॉल में मौजदू लोगों ने उन्हें पहचान लिया।

* सचिन कभी-कभी अपने घर परपत्नी अंजलि और बच्चों के लिए नाश्ता भी बनाते हैं, यहां ही नही , उन्होंने साल 1998 में पूरी टीम के लिए बैंगन का भर्ता भी बनाया था।

* सचिन तेंदुलकर ने रणजी, दिलीप और ईरानी ट्राफ़ी के अपने पहले मैचों में ही शतक जड़ दिए ऐसा करने वाले वे भारत के एकमात्र बल्लेबाज़ हैं। उनका यह रिकॉर्ड आज भी कायम है।

* सचिन जब भी मैदान पर बल्लेबाजी के लिये उतरते थे तो वे मैदान पर कदम रखने से पहले वह सदैव सूर्य देवता को नमन करते थे।

* सचिन ने अपने ज्यादातर बड़े स्कोर गोकुलाष्टमी, होली, रक्षा बंधन और दीपावली जैसे भारतीय त्योहारों पर ही बनाए हैं।

* क्रिकेट के प्रति उनका लगाव एक घटना से लगाया जा सकता है। वर्ल्ड कप 1999 के दौरान जब उनके पिताजी का निधन हुआ तो वह पिता की अन्त्येष्टि में शामिल हुए और वापस मैच खेलने लौट गये। अगले मैच में सचिन ने शतक ठोककर अपने दिवंगत पिता को श्रद्धांजलि दी।

* Third Umpire द्वारा आउट दिए जाने वाले पहले बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर हैं। 1992 में, डरबन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ़ खेले जा रहे टेस्ट मैच के दूसरे दिन जोंटी रोड्स के थ्रो के बाद यह मामला तीसरे अंपायर को रेफ़र किया गया। अंपायर कार्ल लाएबनबर्ग ने सचिन को आउट करार दिया था।