मशहूर अभिनेता संजय दत्त (65) की जिंदगी में शुरू से ही कई रंग रहे हैं। उन्हें कई उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ा। संजय एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। संजय की शादी को लेकर एक खबर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। संजय चौथी दफा फेरे लेते नजर आए। इसे देख फैंस चौंक गए। दरअसल संजय के घर में हाल ही में रेनोवेशन का काम पूरा हुआ है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इसके बाद पूजा का आयोजन किया गया और इसी दौरान संजय और मान्यता ने परंपराओं का पालन करते हुए फिर से शादी रचाई।
यह एक धार्मिक रीति-रिवाज था, जिसमें दोनों ने अग्नि को साक्षी मानते हुए फिर से फेरे लिए। इस मौके पर संजय ने भगवा धोती-कुर्ता पहना हुआ था और मान्यता सिंपल सूट सलवार में बहुत ही सुंदर लग रही थीं। फैंस इस वीडियो को देखकर सोच में पड़ गए क्योंकि उन्हें सच्चाई का पता नहीं था। बता दें संजय और मान्यता की शादी 7 फरवरी 2008 को गोवा में एक इंटीमेट वेडिंग के तौर पर हुई थी।
यह संजय की तीसरी शादी थी। उस समय संजय का दूसरी पत्नी रिया पिल्लई से तलाक का प्रोसेस चल रहा था। ऐसे में उनकी शादी को बहुत प्राइवेट रखा गया था। शादी के बाद से दोनों का रिश्ता काफी मजबूत रहा है। वे अक्सर अपने पारिवारिक और व्यक्तिगत पलों को सोशल मीडिया पर शेयर करते रहते हैं। उनके दो बच्चे शहरान और इकरा हैं।
अनिरुद्धाचार्य ने ‘बिग बॉस 18’ की प्रीमियर नाइट में की थी शिरकतकथावाचक अनिरुद्धाचार्य को हाल ही सुपरस्टार सलमान खान के विवादित रियलिटी शो ‘बिग बॉस 18’ की प्रीमियर नाइट पर देखा गया था। शो में जाने पर उनको लोग खूब भला बुरा कहते हुए ट्रॉल कर रहे हैं। उनके कुछ पुराने वीडियो वायरल हो रहे हैं जिनमें वे कहते हुए दिखे कि उनको ‘बिग बॉस’ का ऑफर आया था और उन्होंने इसको ठुकरा दिया। अब अनिरुद्धाचार्य का एक नया वीडियो सामने आया है जिसमें उन्होंने BB में जाने का कारण बताया।
अनिरुद्धाचार्य वीडियो में कह रहे हैं कि लोग अफवाह फैला रहे हैं कि मैं ‘बिग बॉस’ में गया था। लेकिन जो भी ‘बिग बॉस’ में जाता है उनको 3 महीने के लिए घर के अंदर रहना पड़ता है। लेकिन मैं तो यहां बैठकर आपको कथा सुना रहा हूं। जब मैंने ‘बिग बॉस’ का हिस्सा बनने से साफ मना कर दिया था तो उनकी टीम ने कहा कि महाराज जी एक काम करो, शो में जो भी 18 लोग अतिथि बनकर आ रहे हैं आप उनको आशीर्वाद देने के लिए आ जाओ।
तो अब आप बताओ कि मुझे अतिथि बनकर जाना 2 घंटे के लिए सही था या फिर गलत था। मैं अतिथि बनकर क्यों गया, इसका भी एक कारण था। जरा यह बताओ कि संत को अच्छी ही जगह पर जाना चाहिए या फिर बुरी जगह पर जाकर भी लोगों को सही राह दिखाने की कोशिश करनी चाहिए।