2 News : दादा साहब फाल्के पुरस्कार मिलने पर भावुक हुए मिथुन बोले, ‘गुलमोहर’ के लिए अवार्ड लेकर मनोज ने कहा...

डांसिंग सुपरस्टार मिथुन चक्रवर्ती (74) को सिनेमा जगत के सबसे प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। दिल्ली के विज्ञान भवन में आज मंगलवार (8 अक्टूबर) को 70वां राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार समारोह आयोजित किया गया। इसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मिथुन को अवार्ड से नवाजा। सम्मानित होने के बाद मिथुन ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मैं पहले भी 3 बार राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुका हूं।

पहली बार जब मुझे पुरस्कार मिला, तो सफलता मेरे सिर पर चढ़ गई। काले रंग पर बहुत अपमान झेला है। मैं भगवान के सामने रोता था। फिर मैंने डांस करने के बारे में सोचा, ताकि लोग मेरे रंग को न देख पाए बल्कि मेरे थिरकते हुए पैरों को देखें…और ऐसे मैं बन गया सेक्सी बंगाली बाबू। आज यह पुरस्कार पाने के बाद मैंने शिकायत करना बंद कर दिया। हमारे देश में कई प्रतिभाशाली लोग हैं, लेकिन उनके पास पैसा नहीं है।

मैं उनसे कहना चाहूंगा कि आपके पास पैसा नहीं हो, लेकिन उम्मीद मत खोइए। सपने देखते रहिए। सोइए लेकिन अपने सपनों को सोने मत दीजिए। उल्लेखनीय है कि मिथुन का जन्म 16 जून 1950 को कोलकाता में एक बंगाली हिंदू परिवार में हुआ था। उन्होंने एफटीआईआई पुणे से ग्रेजुएशन किया। मिथुन ने करिअर की शुरुआत मृणाल सेन के डायरेक्शन में बनी फिल्म ‘मृगया’ से की थी।

फिल्म ‘डिस्को डांसर’ में मिथुन की एक्टिंग और डांस जबरदस्त लोकप्रिय हुआ था। तब मिथुन ‘डिस्को डांसर’ के नाम से मशहूर हो गए। मिथुन इन दिनों फिल्मों में कम ही नजर आते हैं। मिथुन राजनीति में एक्टिव हैं। वे फिलहाल भाजपा के सदस्य हैं। मिथुन ने 2009 से 2018 तक टीवी पर लोकप्रिय डांस शो ‘डांस इंडिया डांस’ में मुख्य जज या ‘ग्रैंडमास्टर’ के रूप में नजर आए।

मनोज बाजपेयी ने कहा, मैं सारा श्रेय खुद नहीं ले सकता...

बता दें कि 70वें राष्ट्रीय पुरस्कार का ऐलान पहले ही हो चुका था। अभिनेता मनोज बाजपेयी (55) को चौथा राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला। उन्हें इस बार यह सम्मान ओटीटी पर रिलीज हुई फिल्म 'गुलमोहर' में उनके अभिनय के लिए मिला है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मनोज को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किया। पुरस्कार जीतने पर मनोज ने आभार व्यक्त किया और फिल्म के निर्देशक और अन्य सह-कलाकारों को धन्यवाद दिया।

मनोज ने कहा कि यह बहुत बड़ी बात है जब इतनी छोटी फिल्म राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराती है। मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं। मैं सारा श्रेय खुद नहीं ले सकता। मैं अपने निर्देशक का शुक्रिया अदा करता हूं, जिन्होंने मुझे यह फिल्म ऑफर की और मेरे साथ काम करने वाले सभी लोगों, सभी सह-कलाकारों का जिन्होंने मेरे काम का समर्थन किया। मैं सैभाग्याशाली हूं। मैं अपने दर्शकों का भी धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने मुझे प्यार दिया।

उल्लेखनीय है कि राहुल वी चित्तेला द्वारा निर्देशित, 'गुलमोहर' कई पीढ़ियों के बत्रा परिवार के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपने 34 साल पुराने पारिवारिक घर ‘गुलमोहर’ से बाहर निकलने के लिए तैयार हैं और कैसे उनके जीवन में यह बदलाव उन बंधनों की फिर से खोज है, जिन्होंने रहस्यों और असुरक्षाओं के साथ उन्हें एक परिवार के रूप में एक साथ रखा है।