कास्टिंग काउच पर एकता कपूर का चौकाने वाला खुलासा, कहा - एक्टर खुद भी काम पाने के लिए अपनी सेक्सुअलिटी का इस्तेमाल करते हैं

हॉलीवुड प्रोड्यूसर हार्वी विंस्टीन पर यौन शोषण के आरोपों के बाद अब बॉलीवुड में भी इस मुद्दे पर खुलकर बात हो रही है। हाल ही में एक इवेंट में पहुंचीं एकता कपूर ने भी इस विषय पर अपनी राय व्यक्त करतें हुए एक बड़ा बयान दिया है। एकता ने बताया है कि यहां बहुत से प्रोड्यूसर्स हैं जो काम देने के नाम पर यौन शोषण करते हैं लेकिन एक्टर खुद भी काम पाने के लिए अपनी सेक्सुअलिटी का इस्तेमाल करते हैं। एकता कपूर का ये बयान हार्वे वेइंस्टीन के यौन शोषण मामलों पर पूछे सवाल के बाद आया है। दरअसल, वाइंस्टीन पर कई महिलाओं के यौन शोषण का आरोप है। इसे लेकर दुनियाभर में पिछले साल बाकायदा #Metoo कैंपेन भी चला था।

एकता ने कहा- इस मामले का दूसरा पक्ष भी है, जिसकी कोई बात नहीं करता। बकौल एकता, मुझे लगता है कि बॉलीवुड में हार्वी विंस्टीन जैसे पावरफुल लोग मौजूद हैं, जो अपने पावर का गलत फायदा उठाते हैं। वहीं, दूसरी ओर एक्टर भी हैं, जो काम पाने के लिए अपनी सेक्सुअलिटी का इस्तेमाल करते हैं। ये हमेशा सच नहीं होता कि जिसके पास पावर न हो, वह पीड़ित ही हो । हमेशा यही समझा जाता है कि पावरफुल व्यक्त‍ि चीजों का गलत फायदा उठा रहा है।

एकता कपूर ने आगे कहा, एक प्रोड्यूसर होने के नाते जब मैं अपने मेल फ्रेंड्स (प्रोड्यूसर और दूसरे लोग) से बात करती हूं तो वे बताते हैं कि उन्हें सीधे तौर पर इस तरह के ऑफस मिलते हैं। क्या ऐसा करने वाले लोग भी गलत नहीं हैं? एकता ने एक उदाहरण देकर समझाया- एक एक्ट्रेस एक प्रोड्यूसर से रात के 2 बजे मिलती हैं और उनके बीच संबंध बनते हैं। पांच दिन बाद इस बिनाह पर वह प्रोड्यूसर से काम मांगती है और प्रोड्यूसर इंकार कर देता है, क्योंकि वह पर्सनल और प्रोफेशनल चीजों को अलग रखना चाहता है, तो ऐसे मामले में पीड़ित कौन होगा? हमेशा यही समझा जाता है कि पावरफुल व्यक्ति चीजों का गलत फायदा उठा रहा है। जबकि ये पूरा सच नहीं है।

बता दें, कुछ दिनों पहले ही हिमाचल प्रदेश की शिमला पुलिस ने एकता के पिता और जाने माने एक्टर जितेंद्र के खिलाफ सेक्शुअल हैरसमेंट को लेकर मिली शिकायत के बाद केस दर्ज किया था। पीड़ित महिला ने आरोप लगाया था कि 1971 में एक होटल के रूम में उनके साथ जितेंद्र ने गलत हरकत की थी। हालांकि, जितेंद्र की तरफ से इन आरोपों को बेबुनियाद बताया गया।’