देश की पहली फीमेल सुपरस्टार श्रीदेवी का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया है। मुंबई के विले पार्ले सेवा समाज शवदाह गृह में उनके का दाह-संस्कार हुआ। उनके पति बोनी कपूर ने उन्हें मुखाग्नि दी। पूरा देश भारी दिल और नम आंखों से उन्हें श्रद्धांजलि दे रहा है। दुबई में एक पारिवारिक शादी समारोह में शामिल होने गईं 54 वर्षीय श्रीदेवी का देहांत 24 फरवरी को हुआ था।
बाल कलाकार के तौर पर अपना फिल्म करियर शुरू करने वाली श्रीदेवी ने अपने 50 साल के लंबे करियर में 301 फिल्मों में काम किया था। उनकी अन्तिम प्रदर्शित होने वाली फिल्म शाहरुख खान अभिनीत ‘जीरो’ होगी, जिसमें उन्होंने विशेष भूमिका निभाई है। वैसे उन्होंने अपने समय में शाहरुख खान के साथ ‘आर्मी’ नामक फिल्म की थी, जिसे नितिन मनमोहन ने बनाया था। ‘जीरो’ इस वर्ष क्रिसमस के मौके पर प्रदर्शित होने जा रही है।
हिन्दी फिल्मों में श्रीदेवी ने 1975 में प्रदर्शित हुई ‘जूली’ फिल्म से प्रवेश किया था। इस फिल्म में उन्होंने नायिका की छोटी बहन की भूमिका निभाई थी। इसके चार साल बाद उन्होंने बतौर नायिका अमोल पालेकर के साथ ‘सोलहवां सावन’ से प्रवेश किया। यह फिल्म कब आई और कब गई पता नहीं चला। 1983 में दक्षिण भारतीय फिल्मों के ख्यातनाम बैनर पद्मालया स्टूडियो ने श्रीदेवी को हिन्दी फिल्मों में ‘हिम्मतवाला’ के जरिये फिर से दर्शकों से परिचित कराया।
के. राघवेन्द्र राव निर्देशित यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर इतिहास बनाने में सफल हुई और इसके बाद श्रीदेवी ने हिन्दी फिल्मों में सफलता का वो परचम लहराया जो अपने आप में इतिहास बन गया। जूली 1975 से लेकर 2018 जीरो तक उन्होंने कुल मिलाकर 72 हिन्दी फिल्मों में काम किया। अपने 44 साल के करियर में उन्होंने हिन्दी में सिर्फ 72 फिल्में कीं। यह बड़े आश्चर्य की बात है। इसलिए कि उन्होंने अपने 50 साल लम्बे फिल्म करियर में 300 फिल्मों में काम किया था।
इन 72 फिल्मों पर एक नजर डालते हैं तो गिनती की सिर्फ 8 ऐसी फिल्में दिखायी देती हैं जिनमें श्रीदेवी ने अपनी अभिनय क्षमता को उजागर किया था। यह फिल्में हैं—सदमा, हिम्मतवाला, नगीना, मिस्टर इंडिया, चाँदनी, लम्हें, इंगलिश विंगलिश और मॉम। इनमें से उन्होंने नगीना, मिस्टर इंडिया के फिल्मफेयर स्पेशल अवार्ड जीता, वहीं लम्हे के लिए उन्होंने फिल्मफेयर बेस्ट एक्ट्रेस का अवार्ड मिला था। मॉम और इंगलिश विंगलिश उनकी वापसी की फिल्में रही हैं।