आर्यन खान की जमानत पर एक्ट्रेस पूजा बेदी ने जताई खुशी, कहा - सेलेब्स और उनके बच्चे भी इंसान ही हैं

ड्रग्स केस मामले में मुंबई हाईकोर्ट से र्यन खान को जमानत मिल गई है। आर्यन को बेल मिलने के बाद कई बॉलीवुड सेलेब्स सोशल मीडिया पर शाहरुख खान को बधाई दे रहे है। इसी कड़ी में पूजा बेदी ने आर्यन को जमानत मिलने पर खुशी जताते हुए एक ट्वीट किया है।

उसे मानसिक रूप से कमोजर कर सकता है

एक्ट्रेस ने ट्वीट कर कहा था कि अगर आर्यन के पास से कोई ड्रग्स नहीं मिले हैं तो फिर उस मासूम को जेल में क्यों रखा गया है। बिना किसी कारण के जेल में रखने से उसे मानसिक रूप से कमोजर कर सकता है। कानून में बदलाव करने की जरूरत है। ऐसे सिस्टम की वजह से मासूसों को सजा देकर क्रिमनल बना देगी। पूजा बेदी से जब आर्यन खान की जमानत का सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, आर्यन या उसकी उम्र के किसी उम्र के बच्चे के साथ एसा होता है तो वो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

हफ्तों तक बिना किसी सूबत के एक अपराधी की तरह जेल में रखा

पूजा ने आगे कहा, मीडिया, अधिकारियों और सिस्टम के लोग उस युवक के साथ कोई दायुलता नहीं दिखाई। इतना ही नहीं, हफ्तों तक बिना किसी सूबत के एक अपराधी की तरह उसे जेल में रखा गया। ऐसे मामलों में जमानत का प्रवधान होने के बाद भी मीडिया ने उसकी छवि को नकारात्मकता के साथ दिखाया।

पूजा ने आलोचनाओं को दरकिनार करते हुए कहा कि युवाओं को समर्थन और सुरक्षा की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें देश के युवाओं को सुरक्षित रखने की जरूरत है। हमें युवाओं में अपने कानूनों, प्रक्रियाओं और मीडिया के बारे में विश्वास जगाने की जरूरत है। उन्होंने निष्पक्ष सुनवाई पर जोर दिया और कहा, सजा हमेशा किए गए अपराध के अनुसार देनी चाहिए। आर्यन को अधिक मात्रा में सजा मिली।

पूजा ने कहा, 'हार्ड कोर क्रिमिनल के साथ हफ्तों तक सलाखों के पीछे बंद कर दिया, जिसमें उन्हें दोषी ठहराने के लिए कोई सबूत नहीं है। जब जमानत आदर्श होनी चाहिए लेकिन ऐसे मामलों में अपवाद नहीं बन गई हैं। यह उन सभी के लिए शर्म की बात है, जिन्होंने उन पर भीड़-मानसिकता के हमले में हिस्सा लिया। सेलेब्स और उनके बच्चे हर किसी की तरह इंसान ही हैं। लेकिन उन्हें हमेशा निशाना बनाया जाता है और ट्रोल किया जाता है।'

बता दें, पूजा हाल ही में कोरोना संक्रमित होने के बाद खबरों में थी। वह कोरोनो वायरस की वैक्सीन के खिलाफ मुखर रही हैं उन्होंने कहा था, मैंनें बिना टीकाकरण के रहूंगी। क्योंकि यह मेरा व्यक्तिगत निर्णय है कि मैं अपनी नेचुरल इमिन्यूटी से ठीक हो जाउंगी। आप वही करते हैं जो आपके लिए सही होता है। सावधानी बरतनी चाहिए घबराना नहीं चाहिए। यदि 99% लोग वैक्सीन के साथ या उसके बिना कोविड से बचे रहते हैं। तब सरकार को उन लोगों को अलग-थलग करने, टीकाकरण करने और मास्क लगाने पर ध्यान देने की आवश्यकता है जिन्हें कॉमरेडिडिटी है और जो जोखिम वर्ग में हैं।