राखी स्पेशल : राखी उसें बंधी जाती है जो आपकी रक्षा करता है

रक्षाबंधन का त्योहार पूरे देश में मनाया जाता है। आमतौर पर यह त्योहार भाई-बहनों का माना जाता है। इस दिन बहनें भाई की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं और उनसे अपनी सदा रक्षा करने का वचन लेती हैं।

रक्षा बंधन का त्योहार भाई-बहन मनाते हैं पर क्या आप जानते हैं कि यह त्योहार भाई-बहन ने नहीं बल्कि पति पत्नी के शुरू किया था और तभी संसार में रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाने लगा।

पुराणों के अनुसार एक बार दानवों ने देवताओं पर आक्रमण कर दिया। देवता दानवों से हारने लगे। देवराज इंद्र की पत्नी देवताओं की हो रही हार से घबरा गईं और इंद्र के प्राणों की रक्षा के तप करना शुरू कर दिया, तप से उन्हें एक रक्षासूत्र प्राप्त हुआ। शचि ने इस रक्षासूत्र को श्रावण पूर्णिमा के दिन इंद्र की कलाई पर बांध दिया, जिससे देवताओं की शक्ति बढ़ गयी और दानवों पर जीत प्राप्त की।

श्रावण पूर्णिमा के दिन रक्षासूत्र बांधने से इस दिन रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जाने लगा। पुराणों के अनुसार आप जिससे भी रक्षा की इच्छा रखते हैं उसे रक्षा सूत्र यानी राखी बांध सकते हैं, चाहें वह किसी भी रिश्ते में हो।

राखी से जुडी पौराणिक एक कहानी चित्ताैड़ की विधवा महारानी कर्मावतीकी भी है, जब इन्होने अपने राज्य पर संकट के बादल मंडराते देखे तो उन्होंने गुजरात के बहादुर शाह के खिलाफ मुगलसम्राट हुमायूं को राखी भेज मदद की गुहार लगाई और उस धागे का मान रखते हुए हुमायूं ने तुरंत अपनी सेना चित्ताैड़ रवाना कर दी। इस धागे की मूल भावना को मुगल सम्राट ने न केवल समझा बल्कि उसका मान भी रखा