देश में ऐसा भी मंदिर जहाँ होती हैं चमगादड़ की पूजा
By: Ankur Sat, 09 May 2020 5:38:27
कोरोना का कहर आज पूरी दुनिया पर भारी पड़ रहा हैं। माना जा रहा हैं कि कोरोना वायरस चमगादड़ से आया हैं। चमगादड़ों की तुलना दैत्यों से भी की जाती हैं और उन्हें निशाचर या वैम्पायर कहा जाता हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश में कई मंदिर ऐसे हैं जहां चमगादड़ों की पूजा की जाती हैं। यहां चमगादड़ों को देवताओं के समान माना जाता हैं और पूजा की जाती हैं।
भारत में कुछ ऐसे भी गांव हैं, जहां लोग चमगादड़ों की पूजा करते हैं। यहां लोगों का ऐसा विश्वास है कि ये ग्राम देवता की तरह हैं जो यहां के लोगों की रक्षा करते हैं और आने वाली विपत्ति एवं महामारी से बचाव करते हैं।
बिहार के वैशाली जिले में एक ऐसा मंदिर हैं जहां लोग चमगादड़ों की पूजा करते हैं और इन्हें ग्राम देवता के रूप में मानते हैं। यहां के निवासी चमगादड़ों को संपन्नता का प्रतीक मानते हैं। यहां के लोगों का मानना है कि जहां चमगादड़ निवास करते हैं, वहां कभी भी धन की कमी नहीं होती है। पटना और मुजफ्फरपुर के बीच में वैशाली जिला आता है जहां के राजापाकड़ प्रखंड के सरसई (रामपुर रत्नाकर) गांव में हजारों की संख्या में चमगादड़ों का बसेरा है। यह गांव इन चमगादड़ों के कारण प्रसिद्धि पा चुका है। यहां चमगादड़ों को देखने के लिए काफी संख्या में पर्यटक आते हैं। गांव के लोगों का मानना है कि चमगादड़ उनके पूरे गांव की रक्षा करते हैं।