हिमाचल का एक ऐसा गाँव जहां नहीं होता 5 दिन कोई हंसी-मजाक
By: Ankur Mundra Thu, 31 May 2018 12:33:40
इंसान को जीवन जीने के लिए हर भाव की आवश्यकता होती हैं। अगर इनमें से कोई भी भाव निकाल दिया जाए तो जीवन का अर्थ ही बदल जाता हैं। ऐसा ही एक भाव है हंसी-मजाक जिसके बिना जो जीवन की कल्पना कर पाना ही मुश्किल हैं। लेकिन हिमाचल के एक गाँव में ऐसा ही कुछ होता है जहां परंपरा के नाम पर पति-पत्नी साल के 5 दिन तक आपस में एक दूसरे से हंसी मजाक नहीं करते। अब ऐसा क्या है इसमें आइये जानते हैं।
वभूमि हिमाचल के कुल्लू जिले के एक गांव में यह एक अनोखी ही पंरपरा है। यहां पर मणिकर्ण घाटी में पीणी गांव ऎसी जगह है जहां पर पति-पत्नी साल के 5 दिन तक आपस में एक दूसरे से हंसी मजाक नहीं करते। इतना ही नहीं बल्कि महिलाएं 5 दिन तक कपड़े भी बदल नहीं सकती। महिलाओं को 5 दिन तक ऊन से बने पट्टू ही ओढ़ने पड़ते हैं।
पीणी गांव में इस अनोखी परंपरा का पालन 17 से 21 अगस्त तक 5 दिनों के लिए किया जाता है। इन दिनों लोग शराब सेवन भी नहीं करते। यहां के लोगों का मानना है कि लाहुआ घोंड देवता जब पीणी पहुंचे थे तो उस दौरान राक्षसों का आतंक था। भादो संक्रांति को यहां काला महीना कहा जाता है और इस दिन देवता ने पीणी में पांव रखते ही राक्षसों का नाश किया था।
माना जाता है कि देवता के इस गांव में पांव रखने के बाद से ही इस देव परंपरा की शुरूआत हो गई जो आज भी कायम है। इसके बाद से ही महिला-पुरूष भादो महीने के में 5 दिनों के लिए हंसी-मजाक नहीं करते। वहीं महिलाएं कपड़ों की जगह खास तरह के पट्टू ओढ़ने की परंपरा का निर्वहन करती है।