भारत की इन दो जगहों पर भारतियों का प्रवेश निषेध
By: Ankur Sat, 21 Apr 2018 3:13:32
भारत एक गणतंत्र देश हैं जिसमें सभी भारतवाशी मिल झुलकर रहते हैं। कोई भी भारतवासी पूरे भारत में कहीं भी आ-जा सकता हैं, यह उसका अधिकार हैं। लेकिन हिमाचल के कुल्लू-मनाली के कसोल में और दूसरा मैक्लोडगंज के धर्मकोट में भारतियों पुरुषों के जाने पर रोक हैं। भारत में ये दो ऐसी जगहें हैं जहां ज्यादातर लोग इजरायल के रहते हैं। इनके लिए रेस्टोरेंट बने हैं और इन्होंने अपने घर भी यहीं बना लिए हैं। अब यहाँ भारतीय पुरुषों पर क्यों रोक हैं आइये जानते हैं इसके बारे में।
मौज-मस्ती और छुट्टियां मनाने हजारों की तादाद में इजरायली यहां हर साल आते हैं। हिमाचल की आबोहवा और दिलकश वादियों के मुरीद इन इजरायलियों की कसोल और धर्मकोट में कॉलोनियां जैसी बस गई हैं। इन क्षेत्रों में स्थानीय लोग कम और इजरायली ज्यादा दिखेंगे। यहां के रेस्तरां के बाहर इजरायली भाषा हिब्रू में ही बोर्ड लगे हुए हैं। इजरायली ही नहीं यहां के दुकानदार भी हिब्रू बोलते हैं। इनकी जरूरतों के मुताबिक ही यहां दुकानें सजी हैं। संगीत भी उन्हीं के देश का बजता है। हेयर सैलून में बालों की कटिंग भी इजरायली स्टाइल में होती है। कसोल और धर्मकोट दोनों जगह यहूदियों का पूजा स्थल खबद हाउस भी है। कई इजरायली तो शादी करके यहीं बस गए हैं।
कसोल में इजरायलियों के लिए यहां हम्मस, पिटा ब्रेड और फालाफेल बनता है जिसे वे बड़े चाव से खाते हैं। हालांकि इजरायली बीफ भी खाते हैं, लेकिन यहां परोसा नहीं जाता। यहां 500 रुपए तक किराये पर एक कमरा मिल जाता है। घाटी में आसानी से मिलने वाली चरस, अफीम भी उन्हें यहां खींच लाती है।
पर्यटन नगरी मनाली से सटा कसोल गांव पार्वती नदी के किनारे बसा है। यहां ज्यादातर इजरायली टेंटों में रहते हैं। बाइक पर वादियों में घूमते रहते हैं। यहां के रेस्तरां में नमस्कार की बजाए ‘शलोम’ से स्वागत होता है। यहां ‘स्टार ऑफ डेविड’ वाले इजरायली झंडे दिखाई देते हैं। इजरायली अंग्रेजी नहीं जानते फिर भी यहां के लोगों से पूरी तरह घुल-मिल जाते हैं। करीब दो दशक पहले यहां उन्होंने आना शुरू किया था। अब उनकी सबसे पसंदीदा जगह है। शायद इसका बड़ा कारण है कि यहां के लोग इजरायलियों की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाते हैं।
इस गांव में भारतीय पुरुषों के आने पर पाबंदी लगी है। यदि कोई आ भी गया तो यहां के स्थानीय लोग उन्हें ठहरने के लिए किराए पर कमरे तक ही नहीं देते हैं। भारतीय पुरुषों को इस गांव में नहीं आने देने की वजह बताते हुए यहां के लोग कहते है कि यहां पर आने वाले भारतीय पुरुष इजरायली महिलाओं के साथ छेडख़ानी करते हैं तथा उनकी मौज-मस्ती में बाधा डालते हैं।