Chaitra Navratri Festival 2018 : माता के इस मंदिर में जोड़े से पूजा करने पर हो जाता है तलाक
By: Kratika Fri, 16 Mar 2018 3:39:44
भारत में कई मंदिर हैं और सभी अपनी विशेषता के लिए जाने जाते हैं। सभी लोग अपने परिवार के साथ मंदिरों में भगवान के प्रति आस्था रखते हुए पूजा करने जाते हैं। अक्सर मदिरों में देखा जाता है कि अगर व्यक्ति शादीशुदा हो तो पूजा जोड़े से ही की जाती हैं। लेकिन भारत में एक ऐसा मंदिर भी हैं जहां जोड़े से पूजा करना वर्जित हैं। क्योंकि अगर उस मंदिर में किसी ने जोड़े से पूजा कर ली तो उसका तलाक हो जाता हैं। है ना सर चकराने वाली बात, तो अब आइये जानते हैं इसके पीछे की कहानी के बारे में।
यह मंदिर हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के रामपुर नामक स्थान पर स्थित है। हिमालय की गोद में बना यह मंदिर श्राई कोटि माता के नाम से प्रसिद्ध है।यह देवी दुर्गा को समर्पित एक प्राचीन मंदिर है, जहां पति-पत्नी को एक साथ देवी माता की पूजा और प्रतिमा का दर्शन करने की मनाही है।
इस मंदिर के बारे में लोगों का मानना है कि यदि कोई दंपति यहां देवी दुर्गा की प्रतिमा के दर्शन एक साथ कर लेता है, तो उसे दंड भुगतना पड़ता है। यहां पति और पत्नी के लिए देवी के पूजन और दर्शन की अलग-अलग व्यवस्थाएं है।
यहां प्रचलित किंवदंती के अनुसार, एक बार जब भगवान गणेश और कार्तिकेय में कौन श्रेष्ठ है और किसका विवाह पहले होगा, इसे लेकर प्रतियोगिता हुई। तब ब्रहमाजी ने कहा जो ब्रह्माण्ड का चक्कर सबसे पहले लगा लेगा, उसे श्रेष्ठ माना जाएगा और उसका विवाह पहले होग। तब कार्तिकेय अपने वाहन मयूर पर ब्रह्मांड का चक्कर लगाने के लिए निकल पड़े, लेकिन गणेश ने शिव और पार्वती की परिक्रमा की और कहा कि माता-पिता के चरणों में ही पूरा ब्रह्माण्ड है।
कार्तिकेय के वापिस आने तक गणेश का विवाह हो गया था। जिसके कारण कार्तिकेय रुष्ट हो गए और उन्होंने प्रण लिया की वह विवाह नहीं करेंगे। कार्तिकेय के प्रण से माता पार्वती क्रोधित हो गई और कहा कि जो दंपति इकट्ठे उनके दर्शन करेंगे, वह अलग हो जाएंगे। इसी कारण यहां पति-पत्नी एकसाथ पूजा नहीं करते हैं। श्राई कोटी मंदिर में दरवाजे पर आज भी गणेशजी सपत्नीक स्थापित हैं।