रहस्य : रातोंरात गायब हुआ पाकिस्तान का यह द्वीप, देखे तस्वीर

By: Priyanka Maheshwari Sat, 13 July 2019 12:44:45

रहस्य : रातोंरात गायब हुआ पाकिस्तान का यह द्वीप, देखे तस्वीर

कुदरत के अजीबोगरीब कारनामों को देख इंसानों का दिमाग हिल जाता है कई बार तो यकीन करना भी मुश्किल होता है। पाकिस्तान में भी ऐसा ही कुछ हुआ जिसपर विश्वाश करना मुश्किल हो रहा है। दरहसल, पाकिस्तान के ग्वादर के समंदर के पास बना एक द्वीप रातोंरात गायब हो गया। वो द्वीप या जिसे टापू कह लें, पिछले कुछ वर्षों से लोगों के लिए आश्चर्य का सबब बना हुआ था। वो अचानक गायब हो गया। पाकिस्तान में ग्वादर के पास ये द्वीप 2013 में नजर में आया था। ये अपनेआप में एक रहस्य सरीखा है कि एक टापू अचानक से बनता है और फिर अचानक ही समंदर में छूमंतर हो जाता है। 6 साल बाद अब वो फिर से समंदर में विलीन हो गया। 2013 में भूकंप के बाद बने टापू को देखकर वहां के कुछ बुजुर्गों ने बताया था कि ऐसा यहां पहले भी हो चुका है। उन्होंने कहा था कि 60-70 साल पहले ऐसी ही एक घटना में टापू का निर्माण हुआ था। इसे नकारा भी नहीं जा सकता। क्योंकि 1945 में ग्वादर से करीब 100 किलोमीटर पूरब में तेज भूकंप आया था।

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भूकंप से बना था टापू

2013 में पाकिस्तान में 7.7 की त्रीवता का भयानक भूकंप आया था। जिसकी चपेट में आकर 330 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। इभूकंप के झटके कराची, हैदराबाद, लरकाना और सिंध के शहरों में महसूस किए गए। स शक्तिशाली भूकंप का केंद्र बलूचिस्तान के अवारान प्रांत से करीब 69 किलोमीटर दूर था। लेकिन इस भूकंप के बाद ग्वादर के लोगों ने समंदर में कुछ दूरी पर नया टापू बना देखा। किसी को समझ नहीं आ रहा था कि बीच समंदर में ये टापू अचानक से कैसे उभर आया। लोग नाव के सहारे टापू पर पहुंचे। वहां लोगों ने देखा कि टापू कीचड़, रेत और पत्थरों से भरा है। अंडे के आकार के इस टापू पर लोगों ने मरी हुई मछलियां देखीं। कहीं-कहीं से मीथेन जैसी गैस निकल रही थी। वहां पर माचिस की तीली जलाने से आग पकड़ ले रही थी। एक बार आग पकड़ने पर बड़ी मुश्किल से उसे वो बुझ पा रहा था।

2013 में लोगों के लिए ये अजूबा सरीखा था। अंडे के आकार का ये टापू करीब 295 फीट लंबा और 130 फीट चौड़ा था। समंदर से इसकी ऊंचाई करीब 60 से 70 फीट थी। लोगों ने इसका नाम 'जलजला कोह' रखा। जिसका मतलब होता है 'भूकंप का पहाड़'। बाद में वैज्ञानिकों ने रिसर्च करके बताया कि भूकंप के दौरान टेक्टोनिक प्लेटों के टकराने की वजह से टापू का निर्माण हुआ है। अरेबियन टेक्टोनिक प्लेट और यूरेशियन प्लेट एकदूसरे से टकराए, इसकी वजह से समंदर की सतह पर प्रेशर बना और सतह पानी के ऊपर ऊभर आया। 2013 के भूकंप मे ये टापू बना था। अब नासा ने यहां की नई तस्वीरें जारी की हैं। जिसमें टापू कहीं नजर नहीं आ रहा है। टापू समंदर के बीच से गायब हो गया है।

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