इस शैतानी किताब के रहस्य आज भी बने हुए अनसुलझी पहेली
By: Ankur Sat, 16 May 2020 6:02:42
हर धर्म से जुड़ी कुछ पवित्र किताबें होती हैं जो लोगों को सही दिशा बताने का काम करती हैं। इसी तरह ईसाइयों का पवित्र धर्मग्रंथ बाइबिल हैं जिसे ईसाई धर्म की आधारशिला माना जाता हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में एक अनोखी किताब भी हैं जिसे 'डेविल्स बाइबिल' अर्थात 'शैतान की बाइबिल' के नाम से जाना जाता है। यह किताब अपनेआप में कई रहस्यों को लिए हुए हैं जो कि अनसुलझी पहेली बने हुए हैं। यह दुनिया की सबसे रहस्यमय शैतानी किताब मानी जाती है, क्योंकि इसके पहले ही पन्ने पर एक शैतान की तस्वीर बनाई गई है।
इस रहस्यमय शैतानी किताब को 'कोडेक्स गिगास' के नाम से भी जाना जाता है। इस किताब को दुनिया की सबसे खतरनाक किताब भी माना जाता है, क्योंकि इसके बारे में आज तक ये पता नहीं चल पाया है कि इसे किसने लिखा है और क्यों लिखा है। फिलहाल यह किताब स्वीडन के पुस्तकालय में सुरक्षित रखी हुई है।
यह किताब इंसानों के मन में इसलिए भी कौतूहल पैदा करती है, क्योंकि इसे कागज के पन्नों पर नहीं बल्कि चमड़े से बने पन्नों पर लिखा गया है। कुल 160 पन्नों की यह किताब बहुत भारी-भरकम है। इसका वजन 85 किलो के आसपास बताया जाता है। इसे उठाने में कम से कम दो लोगों की जरूरत तो पड़ती ही है।
13वीं सदी में एक संन्यासी ने अपनी मठवासी प्रतिज्ञाओं को तोड़ दिया था, जिसके बाद उसे दीवार में जिंदा चुनवा देने की सजा सुनाई गई थी। इस कठोर दंड से बचने के लिए उसने महज एक रात में एक ऐसी किताब लिखने का वादा किया जो सभी मानव ज्ञान सहित मठ को हमेशा के लिए गौरवान्वित करे। उसे इसकी इजाजत दे दी गई, लेकिन कहते हैं कि आधी रात को जब उसने देखा कि वह अकेले पूरी किताब को नहीं लिख सकता है तो उसने एक विशेष प्रार्थना की और शैतान को बुलाया। उस शैतान से उसने अपनी आत्मा के बदले किताब को पूरा करवाने के लिए मदद मांगी। शैतान इसके लिए तैयार हो गया और उसने रात भर में ही पूरी किताब लिख डाली।
हालांकि वैज्ञानिक मानते हैं कि प्राचीन समय में चमड़े के पन्नों पर ऐसी किताब को महज एक दिन में लिखना नामुमकिन है। अगर दिन-रात एक करके लगातार लिखा जाए, तो भी इसे पूरा करने में कम से कम 20 साल का समय लगेगा। कुछ शोधकर्ताओं ने इस तर्क को गलत भी ठहराया है। उनका मानना है कि जिस तरह पूरी किताब को एक ही लिखावट में लिखा गया है, उससे इतना तो साफ है कि इसे 20 या 25 साल में नहीं लिखा गया होगा।