जम्मू शहर का रणवीरेश्वर मंदिर जहां पर स्थित है उतरी भारत का सबसे बड़ा शिव लिंग
By: Ankur Thu, 16 Aug 2018 2:49:29
भगवान शिव को भक्तों के दुखों को हरने वाला माना जाता हैं। इसलिए सावन के पूरे महीने भक्त भगवान शिव को खुश करने में लगे रहते हैं और मंदिर में भगवान शिव के दर्शन करने जाते हैं। इसी कड़ी में आज हम आपके लिए लेकर आये हैं जम्मू-कश्मीर में स्थित भगवान शिव के एक ऐसे मंदिर की जानकारी जो अपने 8 फुट बड़े शिवलिंग के लिए जाना जाता हैं। इस मंदिर मेंसभी त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाये जाते है और सावन के महीने में तो भक्तों की कतारे लगी रहती हैं। तो आइये जानते हैं इस मंदिर के बारे में।
रणवीरेश्वर मंदिर शालीमार रोड, जम्मू-कश्मीर सिविल सचिवालय के सामने, जम्मू शहर, जम्मू-कश्मीर में स्थित है। रणवीरेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर जम्मू शहर का एक बहुत प्राचीन मंदिर है। रणवीरेश्वर मंदिर का निर्माण सन् 1883 में महाराजा रणबीर सिंह ने करवाया था। बाद में इस मंदिर का नाम महाराजा रणबीर सिंह के नाम रखा गया था।
ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर उत्तर भारत में भगवान शिव का सबसे बड़ा मंदिर है। यह मंदिर जम्मू शहर का मुख्य आकर्षण है। मंदिर की एक विशेषता यह भी है कि यह मंदिर प्रथम तल पर स्थित है अर्थात् सड़क से काफी ऊँचाई पर स्थित है जहां सीढीयों द्वारा जाया जाता है।
रणवीरेश्वर मंदिर का मुख्य आकर्षण मंदिर में भगवान शिव की प्रतिमा और भगवान शिव का शिव लिंग है। भगवान शिव की प्रतिमा बहुत सुन्दर है ऐसी प्रतिमा शायद ही किसी ओर मंदिर में हो और भगवान शिव का शिव लिंग जिसकी ऊँचाई 8 फुट व काले रंग के एक ही पत्थर से बनाया गया है जोकि उत्तर भारत में सबसे बड़ा शिव लिंग है।
यह शिव लिंग डोगरा शासको तहत बनाया गया था। मंदिर में 12 ओर शिव लिंग है जोकि क्रिस्टल से बनाये गये है और जिनकी ऊँचाई लगभग 18’’ और चैड़ाई 12’’ है। मंदिर के अन्दर दायें व बायें तरफ पत्थर की एक स्लैब है जिसमें छोटे-छोटे लगभग 1.25 लाख शिव लिंग है जिनको नर्मदा नदी से लाया गया था। मंदिर में भगवान गणेश, कार्तिकेय और नंदी बैल की बड़ी प्रतिमा है। नंदी बैल की प्रतिमा पीतल से बनी है जिसका वज़न लगभग 1000 किलोग्राम है।
यह शिव लिंग डोगरा शासको तहत बनाया गया था। मंदिर में 12 ओर शिव लिंग है जोकि क्रिस्टल से बनाये गये है और जिनकी ऊँचाई लगभग 18’’ और चैड़ाई 12’’ है। मंदिर के अन्दर दायें व बायें तरफ पत्थर की एक स्लैब है जिसमें छोटे-छोटे लगभग 1.25 लाख शिव लिंग है जिनको नर्मदा नदी से लाया गया था। मंदिर में भगवान गणेश, कार्तिकेय और नंदी बैल की बड़ी प्रतिमा है। नंदी बैल की प्रतिमा पीतल से बनी है जिसका वज़न लगभग 1000 किलोग्राम है।