एक सैंकेड में 183 बार अपना पंख फड़फड़ाती है मधुमक्खी, जानें इससे जुड़े रोचक तथ्यों के बारे में
By: Ankur Thu, 27 June 2019 05:57:18
आपने अक्सर देखा होगा कि आयुर्वेदिक दवाई को दूध और शहद के साथ ही लिया जाता हैं क्योंकि ये दोनों आहार पौष्टिक तत्वों से भरपूर होते हैं। दूध तो हमें गाय से मिलता हैं और शहद की प्राप्ति होती हैं मधुमक्खी से। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक मधुमक्खी अपने जीवनकाल में एक चम्मच शहद भी इकठ्ठा नहीं कर पाती हैं। आज हम आपको मधुमक्खियों से जुड़े मजेदार और रोचक तथ्यों की जानकारी देने जा रहे हैं जो आपको बेहद पसंद आएँगे। तो आइये जानते हैं इनके बारे में।
- मधुमक्खियाँ छत्ते बनाकर रहती है। इनका छत्ता मोम से बना होता है जो इनके पेट की ग्रंथियों से निकलता है।
- हर मधुमक्खी के छत्ते में एक रानी मक्खी, कुछ सौ नर और 99 फीसदी मादा मक्खियाँ होती है जो शहद बनाने का काम करती हैं।
- हर छत्ते में नर मक्खियों की संख्या बेहद कम होती है, उनका काम केवल रानी मधुमक्खी से सेक्स कर गर्भाधान करना है। गर्भाधान के लिए कई नर प्रयास करते हैं जिनमें एक ही सफल हो पाता है।
- मधुमक्खियाँ सिर्फ आधा किलो शहद बनाने के लिए बीस लाख फूलों का उपयोग करती है और 1 लाख किलोमीटर से भी ज्यादा यात्रा करती हैं। इतनी यात्रा धरती के ढाई चक्कर लगाने के बराबर है।
- मधुमक्खियों का छत्ता छः कोने आकार वाला होता है जिसे मधुमक्खियाँ कम से कम मोम इस्तेमाल करके हल्का लेकिन मज़बूत बनाती हैं, और इनमें खूब सारा शहद इकट्टठा करती हैं।
- आज वैज्ञानिक तौर पर भी यह सिद्ध हो चुका है कि छः कोनों वाला आकार त्रिकोण, चौकोर जा किसी भी और आकार से बेहतर होता है जिसमें सबसे कम समान की लागत से ज्यादा से ज्यादा जगह घेरी जा सकती है।
- आपको जानकर हैरानी होगी कि एक मधुमक्खी औसतन 45 दिन की जिंदगी जीती है और इतने में वह सिर्फ एक चम्मच के 12वें हिस्से जितना ही शहद बना पाती हैं।
- मधुमक्खियों के एक छत्ते में 30 से 60 हज़ार मक्खियाँ होती है जो एक साल में 30 से 50 किलो शहद पैदा कर देती हैं।
- एक मधुमक्खी एक सैंकेड में 183 बार अपना पंख फड़फड़ा सकती है।
- शहद कीड़ो द्वारा बनाया गया एकलौता ऐसा पदार्थ है जिसे इंसानो द्वारा खाया जाता है।
- मधुमक्खियाँ खेतीबाड़ी उत्पादन भी कई गुणा बढ़ाने की क्षमता रखती हैं। भारतीय कृषि अनुसंधान, नई दिल्ली ने कुछ फसलों पर मधुमक्खियों का परागीकरण होने दिया तो पाया कि इससे सौंफ का उत्पादन 15 गुणा और सरसो का उत्पादन करीब 7 गुणा बढ़ गया। इसी तरह और फसलों के उत्पादन में भी बढ़ोतरी देखी गई।
- शहद एक एकलौता ऐसा खाद्य पदार्थ है जो कि हजारों सालों तक खराब नही होता। मिस्र के पिरामिडों में फैरो बादशाह की कबर में पाया गया शहद जब वैज्ञानिकों ने चखा तो वह ताजे शहद जितना ही स्वाद था, बस उसे थोड़ा गर्म करने की जरूरत थी।
- मधुमक्खी के डंक से निकला जहर गठिया के लिए काफी फायदेमंद होता है। एक रिसर्च से पता चला है कि मधुमक्खी के डंक के जहर के साथ एक रासायनिक पदार्थ मिलाकर सेवन करने से गठिया रोग ठीक हो सकता है।