लॉकडाउन के बीच इंदौर में हुई शादी, दुल्हा-दुल्हन ने मास्क पहन कर लिये सात फेरे

By: Priyanka Maheshwari Mon, 30 Mar 2020 10:17:46

लॉकडाउन के बीच इंदौर में हुई शादी, दुल्हा-दुल्हन ने मास्क पहन कर लिये सात फेरे

कोरोना (Corona) महामारी के प्रकोप और लॉकडाउन के चलते इंदौर में परिवार ने विवाह समारोह बेहद सादगी के साथ आयोजित किया। उन्होंने इस समारोह में किसी मेहमान को नहीं बुलाया और घर की चार दीवारी में ही शादी की सारी रस्में पूरी कर दुल्हन की विदाई की। इस शादी में शामिल सभी परिवार वालों समेत दुल्हा और दुल्हन ने भी मास्क लगाया और सोशल डिस्टेंस का पूरा ख्याल रखा।

बता दें, इंदौर के रहने वाले अक्षय जैन ने अपनी बेटी किंजल का विवाह मुंबई के सेंट्रल गवर्मेंट कर्मचारी एप्पील के साथ तय किया था। यह विवाह 30 मार्च को होना था। लेकिन कर्फ्यू और लॉकडाउन के बीच जहां कई लोगों ने शादी समारोह की तारीख को आगे बढ़ा दिया। तो वहीं इस परिवार ने निर्णय लिया कि वे तय महूर्त पर ही बेहद सादगी से शादी आयोजित करेंगे। इसलिये इस शादी में केवल परिवार के गिने-चुने लोग ही मौजूद रहे। लेकिन शादी में सभी लोगों ने सावधानी बरती और समय-समय पर हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल किया। यहां तक की सोशल डिस्टेंस को भी मैंटेन रखा। साथ ही दूल्हा जहां सेहरे के साथ मास्क पहने नजर आया तो दुल्हन ने भी मास्क पहन कर सात फेरे लिये।

दुल्हन के पिता अक्षय जैन के मुताबिक उन्होंने सोचा था कि वे अपनी बेटी का विवाह बेहद धूमधाम से विवाह करेंगे। इसी के चलते उन्होंने पहले तो 40 ट्रस्ट के पदाधिकारियों से अमुमति मांगी लेकिन उसे खारिज कर दिया गया। इसलिये उन्होंने तय किया कि वे बेहद सादगी से शादी का आयोजन करेंगे।

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जोधुपर में भी हुई शादी

रविवार को जोधुपर में एक शादी हुई। शादी में दूल्हा सिर्फ दो बाराती लेकर पहुंचा। लड़की पक्ष के भी इक्का-दुक्का रिश्तेदारों की मौजूदगी में यह शादी हुई। हालांकि दुल्हन की विदाई रोक दी गई। लॉकडाउन खत्म होने के बाद गाजे-बाजे के साथ दुल्हन की विदाई होगी। शहर के ईसाइयों के कब्रिस्तान इलाके में रहने वाले लिखमाराम भादू की तीन बेटियों की शादी 29 मार्च को होनी थी। इस बीच कोरोना के कारण बिगड़ने हालात काबू करने के लिए देश में लॉकडाउन कर दिया गया। ऐसे में लिखमाराम ने अपनी तीनों बेटियों की शादी टालने के लिए लड़के वालों से बात की। दो लड़के वाले तो तैयार हो गए, लेकिन एक तैयार नहीं हुए। कारण था सामाजिक मान्यता। दरअसल, लिखमाराम की तीसरी बेटी संतोष की शादी जियाराम से होनी थी। यहां लड़के वालों ने दूल्हे के घी पिला की रस्में शुरू कर दी गई थी। घी पिला राजस्थान का एक स्थानीय रिवाज है। सामाजिक मान्यता के अनुसार घी पिला की रस्म शुरू होने के बाद विवाह टाला नहीं जा सकता है। इस पर सभी ने तय किया कि एक बेटी संतोष की शादी पूर्व निर्धारित तिथि को होगी। इस पर बगैर किसी धूम धड़ाके के दूल्हे के साथ दो बाराती रविवार शाम एक कार में सवार होकर पहुंचे। सादगी के साथ दोनों के विवाह की सभी रस्मों को विधि पूर्वक पूरा किया गया। हालाकि, दुल्हन की विदाई को कुछ समय के लिए रोक दी गई है। दुल्हन की विदाई बाद में उसकी दो अन्य बहनों की शादी के समय एक साथ की जाएगी। ऐसे में दुल्हन को साथ लिए बगैर दूल्हा अकेला ही वापस लौट गया। शादी के दौरान दूल्हा-दुल्हन मुंह पर मास्क लगाकर बठे रहे।

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