तेल के कुओं का मालिक सऊदी अरब कहां से लाता है पीने लायक पानी?
By: Ankur Tue, 12 May 2020 4:59:30
हमारे देश में कई नदी एवं झीलें है और समय-समय पर बारिश होती रहती हैं। इसकी मदद से जल आपूर्ति होती रहती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रेतीली धरती पर स्थित सऊदी अरब जहाँ कोई भी नदी या झील नहीं है कैसे अपनी पानी की कमी को पूरा करता हैं। यहां तेल का अपार भंडार हैं जिसकी वजह से यह देश बहुत अमीर हैं लेकिन पीने के लिए भी पानी का इंतजाम करना बहुत मुश्किल हैं।
इस देश की महज एक फीसदी जमीन ही खेती के लायक है और उसमें भी कुछ-कुछ सब्जियां ही उगाईं जाती हैं, क्योंकि धान और गेहूं जैसी फसलें उगाने के लिए उसे भारी मात्रा में पानी की जरूरत पड़ेगी। हालांकि एक बार यहां गेहूं की खेती शुरू की गई थी, लेकिन पानी की कमी के चलते बाद में उसे ये बंद करनी पड़ी। सऊदी को अपना खाने-पीने का सारा सामान विदेशों से ही खरीदना पड़ता है।
सऊदी अरब के पास अब भूमिगत जल थोड़ा बहुत ही बचा है और वो भी बहुत नीचे है, लेकिन कहा जा रहा है कि आने वाले कुछ सालों में वो भी पूरी तरह खत्म हो जाएगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक, पहले यहां पानी के बहुत सारे कुएं थे, जिनका इस्तेमाल हजारों सालों से होता आ रहा था, लेकिन जैसे-जैसे आबादी बढ़ती गई, भूमिगत जल का दोहन भी यहां बढ़ता गया। इसका नतीजा ये हुआ कि धीरे-धीरे कुंओं की गहराई बढ़ती गई और कुछ ही सालों में कुएं पूरी तरह सूख गए।
सबसे जरूरी बात कि यहां बारिश तो साल में एक या दो दिन ही होती है और वो भी तूफान के साथ। ऐसे में उस पानी को संचित करना संभव है नहीं और न ही उससे भूमिगत जल के दोहन की भरपाई ही हो पाती है। असल में यहां समुद्र के पानी को पीने लायक बनाया जाता है। वैसे तो समुद्र के पानी में नमक की मात्रा ज्यादा होती है, इसलिए डिसालिनेशन यानी विलवणीकरण के द्वारा समुद्र के पानी से नमक को अलग किया जाता है और तब जाकर वह पीने लायक बनता है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, सऊदी अरब तेल से हुई बेशुमार कमाई का एक हिस्सा तो समुद्र के पानी को पीने लायक बनाने में ही खर्च कर देता है। 2009 के एक आंकड़े के मुताबिक, उस समय एक क्यूबिक मीटर पानी से नमक अलग करने में 2.57 सऊदी रियाल यानी करीब 50 रुपये खर्च होते थे। इसके अलावा ट्रांसपोर्टिंग का खर्च भी 1.12 रियाल (20 रुपये से ज्यादा) प्रति क्यूबिक मीटर लग जाता था। अब तो यह खर्च बढ़ भी गया होगा, क्योंकि यहां पानी की मांग हर साल बढ़ती जा रही है। साल 2011 में सऊदी अरब के तत्कालीन पानी और बिजली मंत्री ने कहा था कि देश में पानी की मांग हर साल सात फीसदी की दर से बढ़ रही है। ऐसे में आप सोच सकते हैं कि यहां पानी की समस्या कितनी विकराल है।