इको-फ्रेंडली दाह संस्कार, 30 दिन में खत्म हो जाएगी देह
By: Priyanka Maheshwari Tue, 18 Feb 2020 4:33:10
अमेरिका में इको-फ्रेंडली दाह संस्कार का तरीका विकसित किया जा रहा है। संस्कार करने के इस तरीके में पार्थिव देह को विशेष बॉक्स में लकड़ी के कुछ टुकड़े और पौधों के अवशेषों के साथ बंद किया जाता है और घुमाया जाता है। इस बॉक्स में शरीर का तापमान 55 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचता है और इस बॉक्स में जीवाणु उत्पन्न होने लगते है जिनके जरिए धीरे-धीरे शरीर खत्म हो जाता है। इसमें तकरीबन 30 दिन का समय लगता है। इसके बाद खाद के रूप में केवल कुछ हड्डियां और मिट्टी बचती है। वॉशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के मुताबिक, 30 दिन में पार्थिव देह पूरी तरह अपघटित हो जाती है। इस प्रक्रिया में उच्च तापमान रहने से शरीर के भीतर की बीमारियां भी नष्ट हो जाती हैं।
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इस प्रक्रिया को विकसित करने वाली कंपनी रिकम्पोज का कहना है कि यह प्रक्रिया पारंपरिक दाह संस्कार की तुलना में पर्यावरण के लिहाज से बेहतर है। पारंपरिक प्रक्रिया में करीब एक टन कार्बन उत्सर्जित होता है, जो इसमें नहीं होता
फिलहाल इस प्रक्रिया का ट्रायल छह मृत शरीरों पर किया गया, जिसमें लकड़ियों के टुकड़ों व पौधों के अवशेषों से देह अपघटित हो गई। इस प्रक्रिया को व्यावसायिक रूप से फरवरी 2021 से अमेरिका के वॉशिंगटन राज्य में लॉन्च किया जाएगा।