यहां परमाणु हथियारों की रक्षा कर रहे डॉल्फिन और समुद्री शेर
By: Ankur Mon, 30 Mar 2020 3:56:31
आपने यह तो देखा ही होगा कि किसी भी देश के खुफिया ठिकानों या संवेदनशील इलाकों की कमान सेना को सौंपी जाती हैं ताकि कोई खतरा ना हो। अब आप सोचिए की जब बात परमाणु हथियारों की हो तो। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जहां परमाणु हथियारों का सबसे बड़ा भंडार है और वहां की रक्षा का जिमा डॉल्फिन और समुद्री शेर के हाथ में हैं। यह हैरान करने वाली बात तो है, लेकिन बिल्कुल सच है। असल में इसके पीछे एक बड़ी वजह है, जिसके बारे में शायद ही कोई आम आदमी सोच पाए।
यह जगह अमेरिका के सिएटेल शहर से करीब 20 मील की दूरी पर है। दरअसल, यहां अमेरिकी नेवी का बेस कैंप है, जिसे 'नेवल बेस किटसैप' कहते हैं। यह जगह दुनियाभर में इसलिए मशहूर है, क्योंकि अमेरिका के करीब एक चौथाई परमाणु हथियार यहीं पर रखे हुए हैं। यहां इतनी मात्रा में परमाणु हथियार हैं कि एक झटके में कई देशों का सफाया हो जाए। इसी वजह से इस जगह को दुनिया में परमाणु हथियारों का सबसे बड़ा भंडार कहते हैं।
अमेरिका ने अपने इस परमाणु भंडार की रक्षा के लिए इंसान या मशीन नहीं बल्कि डॉल्फिन और सी लॉयन (समुद्री शेर) की एक बड़ी फौज रखी है। इस अनोखी फौज में करीब 85 डॉल्फिन और 50 समुद्री शेर हैं। इन्हें खासतौर पर परमाणु हथियारों की रक्षा के लिए कैलिफोर्निया स्थित एक प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षित किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डॉल्फिन और समुद्री शेरों के शरीर में एक बाइट प्लेट फिट कर दी जाती है। अगर कोई घुसपैठिया समुद्री रास्ते से परमाणु हथियारों के पास जाने की कोशिश करता है तो ये समुद्री जीव उसके पैर से जाकर टकराते हैं, जिससे प्लेट उनकी टांग में चिपक जाती है और वो तब तक उसे बाहर नहीं निकाल सकता है, जब तक कि उससे संदेश समुद्री जीवों के हैंडलर तक नहीं पहुंच जाता। इससे घुसपैठिये पर नजर रखी जाती है और जरूरत पड़ने पर कार्रवाई भी की जाती है।
दरअसल, डॉल्फिन और समुद्री शेरों को यह काम इसलिए सौंपा गया है, क्योंकि डॉल्फिन के अंदर खूबी होती है कि वो समुद्र के काफी नीचे की चीजों का भी पता लगा सकती है। इसके अलावा समुद्री शेरों की सुनने और देखने की क्षमता बहुत अधिक होती है। वह समुद्र की गहराई में, जहां सिर्फ अंधेरा ही होता है, वहां भी ये देख सकते हैं। यही वजह है कि इन्हीं दो समुद्री जीवों को परमाणु हथियारों की सुरक्षा का काम सौंपा गया है।