आखिर क्यों चढ़ाया गया दुनिया की सबसे बड़ी सोने की मूर्ति गोल्डन बुद्धा पर प्लास्टर
By: Ankur Fri, 15 May 2020 3:47:46
भगवान बुद्ध के बारे में सभी जानते हैं और उनके उपदेशों का अनुसरण करते हैं। विभिन्न देशों में भगवान बुद्ध की मूर्तियाँ देखी जा सकती हैं। लेकिन कई मूर्तियाँ ऐसी हैं जो अपनेआप में ही एक अजूबा हैं। आज इस कड़ी में हम आपको दुनिया की सबसे बड़ी सोने की मूर्ति जिसे गोल्डन बुद्धा के नाम से जाना जाता हैं के रहस्य के बारे में बताने जा रहे हैं। दुनिया की सबसे बड़ी बुद्ध प्रतिमा चीन के दक्षिण-पश्चिमी सिचुआन प्रांत में है, जिसे बनाने में 90 साल से ज्यादा का समय लगा था। भगवान बुद्ध की इस मूर्ति को 'द गोल्डन बुद्धा' कहा जाता है। यह मूर्ति थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक के 'वाट ट्रेमिट' मंदिर में स्थित है। 9।8 फीट लंबी इस मूर्ति का वजन करीब 5500 किलोग्राम है। वैसे तो यह प्रतिमा बिकाऊ नहीं है, लेकिन फिर भी सोने के हिसाब से इसकी कीमत का अनुमान 19 अरब रुपये के आसपास लगाया गया था।
यह मूर्ति कई सालों तक दुनिया से छुपी रही थी। इसके ढूंढे जाने की कहानी भी बड़ी अजीब है। साल 1954 तक लोगों को इसके बारे में नहीं पता था कि यह मूर्ति पूरी तरह से सोने की है, क्योंकि उस समय मूर्ति के ऊपर प्लास्टर चढ़ाया गया था। जब प्रतिमा को रखने के लिए मंदिर में एक नया भवन बनाया गया और 1955 में इसका स्थानांतरण किया जा रहा था, तब गलती से मूर्ति जमीन पर गिर गई, जिससे उसका प्लास्टर उखड़ गया और उसकी हकीकत लोगों के सामने आ गई। बाद में इस मूर्ति को रखने के लिए वाट ट्रेमिट मंदिर में एक बड़े से भवन निर्माण कराया गया और वहां भगवान बुद्ध की सोने की मूर्ति को स्थापित किया गया।
कहते हैं कि सोने की इस मूर्ति पर प्लास्टर इसलिए चढ़ाया गया था, ताकि इसे चोरी होने से बचाया जा सके। ऐसा माना जाता है कि 1767 में बर्मा के आक्रमणकारियों द्वारा अयुथ्या राज्य के विनाश से पहले मूर्ति पर प्लास्टर करने का काम पूरा हुआ होगा। वैसे तो यह मूर्ति कब बनी थी, कोई नहीं जानता, लेकिन यह 13वीं-14वीं शताब्दी के सुखोथाई राजवंश शैली में बना है, इसलिए माना जाता है कि यह उसी काल में बना होगा या फिर उसके बाद का भी बना सकता है। प्रतिमा का सिर अंडे के आकार का है, जो सुखोथाई काल में इसके निर्माण का संकेत देता है।