एक रेस्टोरेंट जहाँ शहीदों के परिजनों को मिलता है मुफ्त खाना
By: Sandeep Gupta Sat, 30 Sept 2017 11:58:56
अपनी मातृभूमि की खातिर अगर कभी मौका मिले तो अपनी जान न्योछावर करने में कभी नहीं चुकते हमारे देश के जवान, हमारे देश के जवान भूखे-प्यासे रहकर भी सरहदों की रक्षा करते हैं, दुश्मनों की गोलियों का सामना करते हैं। देश में जवानों के जज्बों को सलाम करने वालों की भी कमी नहीं होती है। कुछ लोग सैनिक परिवार वालो के लिए समय समय पर कैंप लगा कर, तो कुछ लोग आर्मी वेलफेयर अकाउंट में सहयोग करके भी अपनी देश के प्रति कर्तव्यों की पूर्ति करते हैI कुछ लोग सार्जनिक रूप से तो कुछ लोग गुमनाम रहकर किसी ना किसी तरह से देश के लिए और देश के सैनिको के हित के लिए प्रयास करते रहते हैI
ऐसे ही एक शख्श है मनोज दूबे, छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर निवासी मनोज दूबे एक ऐसे शख्स हैं, जो खुद सेना में जाना चाहते थे, मगर उनका सपना पूरा नहीं हो पाया। लेकिन देश सेवा के अपने इस सपने को पूरा करने के लिए मनोज ने एक ऐसा तरीका निकाला है जिससे वो ना केवल अपना सपना पूरा कर पा रहे है बल्कि देश के सनिको एवं उनके परिवार की भी दुआए ले रहे हैI राजधानी रायपुर में दुबे एक रेस्तरॉ चलाते हैं, जिसमें जवानों और उनके परिवार के सदस्यों को रियायती भोजन मुहैया कराया जाता है।
इस रेस्टोरेंट के भर एक बोर्ड भी लगा हुआ है जिसमे यह लिखा हुआ है की भारतीय सैनिक या उनके परिवार को भोजन रियायती दरो पर मिलता हैI और शहीदों के परिजनों को खाना मुफ्त मिलता हैI
दूबे ने बताया, “हमें लगा कि इस इलाके में सीआरपीएफ और बीएसएफ की मूवमेंट ज्यादा है। उनके लिए भोजन की मुफ्त व्यवस्था करनी चाहिए। लेकिन साथ ही उनके आत्मसम्मान को भी ठेस न पहुंचे और उनकी यह सेवा सम्मानित तौर पर करने के इरादे से हमने डिस्काउंट पैटर्न पर इसे शुरू करने का फैसला किया।” कई बार समाज सेवा के नाम पर कुछ लोग अपने नाम का झूठा प्रचार भी करते हैं? दूबे ने कहा, “कोटा इलाके में सेना के शिविर हैं। अधिकारियों को जब इस योजना के बारे में पता चला तो वे पुष्टि करने के लिए आए कि वाकई जवानों को ऐसी कोई सुविधा दी जा रही है या नहीं और कहीं देश सेवा का केवल प्रचार तो नहीं किया जा रहा। लेकिन वे पूरी तरह संतुष्ट होकर गए।” दूबे ने कहा कि वह आगे भी सैनिकों के लिए इस दिशा में और कुछ कर सके तो जरूर करेंगे।