RTI में पूछा- 15 लाख कब तक आएंगे? जानिये क्या मिला जवाब
By: Priyanka Maheshwari Mon, 23 Apr 2018 9:48:47
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2014 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान लोगों के खाते में 15-15 लाख रुपये डालने का वादा करने संबंधी सवाल पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने अपना जवाब देते हुए कहा है कि यह सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत नहीं आता। यह बात प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने केंद्रीय सूचना आयोग से कही है। सूचना के अधिकार कानून (आरटीआई) के तहत मोहन कुमार शर्मा ने 26 नवंबर 2016 को आवेदन देकर उक्त जानकारी मांगी थी। यह आवेदन 1,000 रुपये और 500 रुपये के नोटों को चलन से हटाने की घोषणा के करीब 18 दिन बाद दिया गया।
सुनवाई के दौरान मोहन कुमार ने मुख्य सूचना अधिकारी (सीआईसी) आरके माथुर को बताया कि इस संबंध में प्रधानमंत्री ऑफिस (पीएमओ) या रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की ओर से विस्तृत जानकारी नहीं दी गई है।
सीआईसी माथुर ने बताया, 'पीएमओ की ओर से आवेदककर्ता को यह जानकारी दी गई कि उनकी ओर से आरटीआई के जरिए मांगी गई जानकारी आरटीआई एक्ट के सेक्शन 2(एफ) के अंतर्गत सूचना की परिभाषा के दायरे में नहीं आती।'
आरटीआई ऐक्ट के सेक्शन 2 (एफ) के तहत सूचना का मतलब कोई भी सामग्री होती है जो रिकॉर्ड्स, दस्तावेज, मेमोज, ई-मेल, राय, सलाह, प्रेस रिलीज, सर्कुलर्स, ऑर्डर्स, लॉगबुक्स, रिपोर्ट्स, पेपर्स, नमूने, मॉडल्स, डेटा के तौर पर होती है। इसके अलावा किसी निजी संस्था से जुड़ी सूचनाएं भी होती हैं जो कानून के तहत सरकारी अथॉरिटी के दायरे में आती हो।
माथुर ने बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय और आरबीआई की ओर से दी गई जानकारी संतोषप्रद है। 2014 में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान नरेंद्र मोदी ने कहा था कि विदेश से जब काला धन वापस स्वदेश आएगा तो हर भारतीय के खाते में 15 लाख रुपये आ जाएंगे।