ममता बनर्जी ने मोदी सरकार के बजट को बताया 'दृष्टिविहिन', कहा- समूचा दृष्टिकोण पटरी से उतरा
By: Pinki Sat, 06 July 2019 08:57:45
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट संसद में पेश किया। बजट के बाद विपक्षी पार्टियाँ मिलकर एक सुर में इस बजट को 'ज़ीरो बजट' करार दिया है। इसी कड़ी में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने शुक्रवार को संसद में पेश आम बजट पर अपनी प्रतिक्रया देते हुए पूरी तरह दृष्टिविहीन बताया। ममता ने कहा इससे महंगाई बढ़ेगी। ममता ने अपने ट्विटर हैंडल पर कई पोस्ट कर बजट पर अपनी प्रतिक्रया दी। उन्होंने लिखा कि बजट 2019 'पूरी तरह दृष्टिविहीन' समूचा दृष्टिकोण पटरी से उतरा हुआ। उन्होंने कहा कि इस पर, न केवल उनका लगाया हुआ उपकर है, बल्कि खासतौर से बढ़ाया गया उत्पाद शुल्क है, जिस कारण पेट्रोल और डीजल के दाम लगभग 2.50 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ जाएंगे।
#Budget2019 is completely visionless. In fact, the total vision is derailed. On top of it, not only have they imposed cess but also special additional excise duty on petrol and diesel leading to price increase by nearly Rs 2.50/litre for petrol and Rs 2.30/litre for diesel 1/2
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) July 5, 2019
As a result, price hikes will hit from transport to market to kitchens.
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) July 5, 2019
Commoners are suffering and suffering...
This is Election Prize!! 2/2#Budget2019
ममता ने आगे लिखा कि नतीजतन, महंगाई परिवहन से बाजार होकर रसोईघरों तक छा जाएगी यह चुनाव का इनाम है!!
योगेंद्र यादव ने कसा तंज, 'बजट में ना खाता न बही, जो निर्मला कहें वो सही...'
वही बजट 2019 पर योगेंद्र यादव ने ट्वीट करते हुए कहा कि 'कम से कम किसान के लिए तो यह
"ज़ीरो बजट स्पीच" थी:
न सूखे का जिक्र,
न आय दोगुना करने की योजना,
न किसान सम्मान निधि का विस्तार,
न MSP रेट किसान को दिलवाने की पुख्ता योजना,
न आवारा पशु से निपटने की कोई तरकीब।'
उन्होंने कहा, 'मोदीजी को झोली भर के वोट देने वाले किसान ने बजट सुनना शुरू करते हुए गुनगुनाया:- आज हम अपनी दुआओं का असर देखेंगे। बजट स्पीच के अंत में उसने निराश होकर बोला- आज की रात बचेंगे तो सहर (सुबह) देखेंगे।' उन्होंने कहा, 'बजट में ना खाता न बही, जो निर्मला कहें वो सही। जीरो बजट फार्मिंग की बात की लेकिन ये जीरो बजट स्पीच है। किसानों को उम्मीद थी लेकिन, सूखे का ज़िक्र नहीं। बटाईदार, ठेके पर खेती करने वालों का कोई जिक्र नहीं।'
कम से कम किसान के लिए तो यह "ज़ीरो बजट स्पीच" थी:
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) July 5, 2019
* न सूखे का जिक्र
* न आय दोगुना करने की योजना
* न किसान सम्मान निधि का विस्तार
* न MSP रेट किसान को दिलवाने की पुख्ता योजना
* न आवारा पशु से निपटने की कोई तरकीब