Vijay Diwas : 1971 युद्ध से जुड़ी ये 7 बातें कभी नहीं भूलेगा पाकिस्तान
By: Priyanka Maheshwari Wed, 12 Dec 2018 8:08:25
16 दिसंबर को हर साल भारत विजय दिवस (Vijay Diwas) मनाता है। आज के ही दिन भारतीय सेना के पराक्रम से दुनिया में एक नए देश को जन्म हुआ था इतना ही नहीं किसी भी सेना की इतनी बड़ी हार नहीं हुई थी जितनी बड़ी हार पाकिस्तान की इस युद्ध में हुई थी। आज इस घटना के 45 साल बीत चुके हैं। 16 दिसंबर 1971 को यह युद्ध हुआ था जिसका परिणाम यह था कि पाकिस्तान से पूर्वी भाग अलग हो गया और बांग्लादेश के रूप में नए देश का जन्म हुआ था।
विजय दिवस से जुड़ी 7 बड़ी बातें
- आज ही के दिन पूर्वी मोर्चे पर पाकिस्तानी सेना के चीफ जनरल आमिर अब्दुल्ला खान नियाज़ी ने पराजय स्वीकार करते हुए 93 हजार पाक सैनिकों के साथ भारतीय सेना के समक्ष ढाका में सरेंडर किया। भारतीय सेना की अगुआई जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा कर रहे थे।
- पूर्वी पाकिस्तान में बंगाली राष्ट्रवादी आत्म निर्णय की लंबे समय से मांग कर रहे थे। 1970 के पाकिस्तानी आम चुनावों के बाद ये संघर्ष बढ़ा। नतीजतन 25 मार्च, 1971 को पश्चिमी पाकिस्तान ने इस आंदोलन को कुचलने के लिए ऑपरेशन सर्चलाइट शुरू किया।
- इससे पूर्वी पाकिस्तान में इस तरह की मांग करने वालों को निशाना बनाया जाने लगा। पूर्वी पाकिस्तान में विरोध भड़का और बांग्लादेश मुक्ति बाहिनी नामक सशस्त्र बल बनाकर ये लोग पाकिस्तान की सेना से मोर्चा लेने लगे।
- इस क्रम में भारत ने बांग्लादेशी राष्ट्रवादियों को कूटनीतिक, आर्थिक ओर सैन्य सहयोग दिया।
- नाराज पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए हवाई हमला कर दिया। पाकिस्तान ने ऑपरेशन चंगेज खान के नाम से भारत के 11 एयरेबसों पर हमला कर दिया। नतीजतन तीन दिसंबर, 1971 को भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध शुरू हो गया।
- भारत ने पश्चिमी सीमा पर मोर्चा खोलते हुए पूर्वी पाकिस्तान में बांग्लादेश मुक्ति बाहिनी का साथ दिया। नतीजतन 13 दिनों में ही दुश्मन के दांत खट्टे हो गए और उसे सरेंडर के लिए मजबूर होना पड़ा।
- इस युद्ध ने दक्षिण एशिया के भू-राजनीतिक परिदृश्य को बदल दिया और सातवीं सबसे बड़ी आबादी वाले मुल्क के रूप में बांग्लादेश दुनिया के नक्शे पर आया। 1972 में संयुक्त राष्ट्र के अधिकतर सदस्य देशों ने बांग्लादेश को राष्ट्र के रूप में मान्यता दे दी।