उत्तराखंड में बादल फटने से तबाही, 10 मरे, 17 लापता, रेस्क्यू में लगाए गए 2 हेलिकॉप्टर
By: Pinki Mon, 19 Aug 2019 09:19:26
उत्तराखंड में बाढ़ और भूस्खलन के कारण आठ जिलों में त्राहि त्राहि मची है। गुजरे चौबीस घंटों के अंतराल में बादल फटने, नदी नालों के उफान और भूस्खलन की घटनाओं में 10 लोगों की जान चली गई, जबकि 17 लापता बताए जा रहे हैं। लापता लोगों की संख्या बढ़ भी सकती है। उत्तरकाशी, लामबगड़, बागेश्वर, चमोली और टिहरी में तो हालात बहुत बुरे हैं। स्कूल-कॉलेज बंद हैं। मौसम विभाग ने आज यानी सोमवार को भी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
मोरी क्षेत्र के आराकोट क्षेत्र के गांवों में हुई भारी बारिश और बादल फटने से 22 ग्रामीणों के मलबे में दबे होने की सूचना मिली। इनमें पांच बच्चे भी हैं। आराकोट पहुंची एसडीआरएफ टीम ने बचाव अभियान का काम शुरू कर दिया है। एक घायल को सनेल से आराकोट हॉस्पिटल पहुंचाया गया। लगभग 170 ग्रामीणों को वन विश्राम गृह भेजा गया है। प्रभावित इलाके में एसडीआरएफ की ओर से आपदा राहत पैकेट पहुंचाए जा रहे हैं। रास्ता ज्यादा टूटे होने से टीम को प्रभावित गांव में पहुंचने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। मोरी में रेस्क्यू के लिए 2 हेलिकॉप्टर भी लगाए गए हैं।
Uttarakhand: Rescue operations underway in Uttarkashis Mori tehsil following cloudburst in the area. pic.twitter.com/dm1rFNw9gi
— ANI (@ANI) August 19, 2019
सुदूरवर्ती क्षेत्र मोरी के गांव माकुड़ी, टिकोची और आराकोट भारी बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। माकुड़ी में लोगों के मलबे में दबे होने की खबर है। चकरोता से रवाना टीम भी घटनास्थल के करीब पहुंच चुकी है। एक अतिरिक्त एसडीआरएफ टीम ने उजेली से प्रस्थान किया है। एसडीआरएफ की एक सब टीम बर्मा ब्रिज का निर्माण कर आवाजाही शुरू करने का प्रयास करेगी। साथ ही हेली ड्रॉप आपदा राहत किट का वितरण भी किया जाएगा। एक अन्य 30 सदस्यीय रेस्क्यू टीम भी बटालियन हेडक्वार्टर जोलीग्रांट से जरूरी सामान लेकर रवाना होगी। एसडीआरएफ कम्युनिकेशन सदस्यों की ओर से इलाके में आवश्यक वायरलेस टावर लगा कर रेस्क्यू के लिए संचार व्यवस्था शुरू की जाएगी।
उत्तराखंड और हिमाचल की सीमा पर बहने वाली पावर नदी ने भी रौद्ररूप ले लिया। इसकी लहरें त्यूणी बाजार तक पहुंचने के मद्देनजर यहां सौ से ज्यादा दुकानों को खाली करा दिया गया है। प्रभावित इलाकों में संचार नेटवर्क ध्वस्त हो रखा है। अल्मोड़ा जिले के सीमावर्ती इलाके में रामनगर से गैरसैंण जा रही एक यात्री बस बरसाती नाले के उफान में करीब 20 मीटर तक बही। उसमें 30 लोग सवार थे, ग्रामीणों की मदद से सवारियों को रेस्क्यू किया गया, जबकि चालक का अभी तक कुछ पता नहीं चला है।