क्राइम प्रोफाइल / थाने में घुसकर राज्यमंत्री की हत्या कर विकास दुबे ने रखा था राजनीति में कदम, अब तक 60 FIR दर्ज

By: Pinki Fri, 03 July 2020 10:05:56

क्राइम प्रोफाइल /  थाने में घुसकर राज्यमंत्री की हत्या कर विकास दुबे ने रखा था राजनीति में कदम, अब तक 60 FIR दर्ज

उत्तरप्रदेश में कानपुर देहात के बिठूर थाना क्षेत्र में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम को बदमाशों ने चारों तरफ से घेर लिया। उनपर अंधाधुंध फायरिंग की गई जिसमें एक क्षेत्राधिकारी यानी डिप्टी एसपी समेत आठ पुलिस कर्मियों की मौत हो गई। जबकि अन्य सात पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। जिस हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पुलिस पकड़ने गई थी उस पर 60 आपराधिक मामले दर्ज हैं। 19 साल पहले उसने 2001 में थाने में घुसकर राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की हत्या कर दी थी। इसके बाद उसने राजनीति में एंट्री ली। नगर पंचायत का चुनाव भी जीता था। विकास कई बार गिरफ्तार भी हुआ। 2017 में लखनऊ में एसटीएफ ने कृष्णा नगर से उसे दबोचा था।

बना रखी थी युवाओं की फौज

हिस्ट्रीशीटर विकास कानपुर देहात के चौबेपुर थाना क्षेत्र के विकरू गांव का रहने वाला है। उसने कई युवाओं की फौज तैयार कर रखी है। इसी के साथ वह कानपुर नगर से लेकर कानपुर देहात तक लूट, डकैती, मर्डर जैसे अपराधों को अंजाम देता रहा है। साल 2000 में विकास दुबे पर कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र स्थित ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या का आरोप लगा था। जिसमें उसे उम्रकैद की सजा भी हुई थी। इसके अलावा साल 2000 में ही उस पर कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र में रामबाबू यादव की हत्या मामले में जेल के भीतर रहकर साजिश रचने का आरोप लगा था।

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अपराध से बनाई सत्ता में गहरी पैठ

विकास ने अपने अपराधों के दम पर पंचायत और निकाय चुनावों में कई नेताओं के लिए काम किया और उसके संबंध प्रदेश की सभी प्रमुख पार्टियों से हो गए। 2003 में शिवली थाने के अंदर घुस कर इंस्पेक्टर रूम में बैठे तब श्रम संविदा बोर्ड के चैयरमेन रहे राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त भाजपा नेता संतोष शुक्ल को गोलियों से भून दिया था। उसका इतना खौफ था कि कोई गवाह सामने नहीं आया। इसके कारण वह केस से बरी हो गया। इसकी शादी शास्त्री नगर सेंट्रल पार्क के पास रहने वाले राजू खुल्लर की बहन से हुई थी। ब्राह्मण शिरोमणि पंडित विकास दुबे के नाम से फेसबुक पेज बना रखा था।

नगर पंचायत चुनाव जीता

2002 में जब प्रदेश में बसपा की सरकार थी तो इसका सिक्का बिल्हौर, शिवराजपुर, रिनयां, चौबेपुर के साथ ही कानपुर नगर में चलता था।

2018 में विकास दुबे ने अपने चचेरे भाई अनुराग पर जानलेवा हमला किया था। इस दौरान भी विकास जेल में बंद था और वहीं से सारी साजिश रची थी। इस मामले में अनुराग की पत्नी ने विकास समेत चार लोगों को नामजद किया था।

2000 में कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र में रामबाबू यादव की हत्या की जेल में साजिश रचने का आरोपी था।

2004 में केबल व्यवसायी दिनेश दुबे की हत्या के मामले में भी विकास आरोपी है। विकास ने राजनेताओं के सरंक्षण से राजनीति में एंट्री की और जेल में रहने के दौरान शिवराजपुर से नगर पंचायत का चुनाव जीत लिया।

जानकारी के अनुसार, इस समय विकास दुबे के खिलाफ 60 मामले यूपी के कई जिलों में चल रहे हैं। पुलिस ने इसकी गिरफ्तारी पर 25000 का इनाम रखा हुआ था। हत्या और हत्या की कोशिश के मामले पर पुलिस को इसकी तलाश थी।

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आठ पुलिसकर्मी हुए शहीद

उत्तरप्रदेश के कानपुर में गुरुवार रात एक बजे दबिश देने गई पुलिस टीम पर बदमाशों ने अंधाधुंध गोलियां चलाईं। इसमें सर्कल ऑफिसर (डीएसपी) और 3 सब इंस्पेक्टर समेत 8 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई। इसके अलावा सात पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें कई की हालत गंभीर है। पुलिस यहां हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने गई थी। दबिश के दौरान विकास दुबे की गैंग ने पुलिस पर घात लगाकर छत से हमला किया और विकास दुबे फरार हो गया। बदमाश पुलिस के कई हथियार भी लूट ले गए। इस हमले में 8 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई।

डीजीपी एचसी अवस्थी ने बताया कि विकास दुबे के खिलाफ कानपुर के राहुल तिवारी ने हत्या के प्रयास का केस दर्ज कराया था। इसके बाद पुलिस उसे पकड़ने के लिए बिकरू गांव गई थी। पुलिस को रोकने के लिए बदमाशों ने पहले से ही जेसीबी वगैरह से रास्ता रोक रखा था। अचानक छत से फायरिंग शुरू कर दी गई। पुलिस की ओर से भी जवाबी फायरिंग की गई। बदमाश ऊंचाई पर थे। इस वजह से पुलिसकर्मियों को गोलियां लगी है। 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए हैं।

डीजीपी एचसी अवस्थी ने कहा कि सीओ, तीन सब इंस्पेक्टर और चार पुलिसकर्मी शहीद हो गए हैं। सात पुलिसकर्मी घायल हैं। मौके पर एडीजी कानून व्यवस्था समेत कई अफसर पहुंच गए हैं। साथ ही फॉरेंसिक विभाग की टीम भी पहुंच गई है। इसके साथ ही एसटीएफ को भी मौके पर रवाना किया गया है।

डीजीपी एचसी अवस्थी ने कहा कि अभी हमारा फोकस सभी घायल पुलिसकर्मियों का बेहतर इलाज कराने की व्यवस्था करने के साथ ही विकास दुबे के खिलाफ ऑपरेशन को भी जारी रखना है, ताकि विकास दुबे और उसके साथियों को पकड़ा जा सके। वारदात में इस्तेमाल हथियारों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने की भी कोशिश की जा रही है।

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