उत्तर प्रदेश के हाथरस में 19 साल की दलित युवती के साथ जिस बाजरे के खेत में गैंगरेप की वारदात हुई थी उसके मालिक ने योगी सरकार से 50 हजार रुपए का मुआवजा मांगा है। खेत मालिक का कहना है कि इस घटना के बाद उसकी बाजरे की फसल में पुलिस ने पानी नहीं लगाने दिया। किसान ने कहा कि पुलिस काफी दिन तक सबूत होने की बात कहती रही, जिससे फसल की सिंचाई नहीं हो पाई। अब सीबीआई ने कहा है कि फसल काट सकते हो, लेकिन फसल टूट गई है। कम से कम 50 हजार का नुकसान हुआ है, लिहाजा मुआवजा दिया जाए।
सबूत खत्म हो जाएंगे
खेत मालिक सोम सिंह का कहना है कि वह जयपुर में नौकरी करता है, लेकिन कोरोना की वजह से गांव लौट आया था। 9 बीघे के खेत में बाजरा लगाया था। घटना के बाद पुलिस ने सबूत जुटाने की बात कहकर मेरी मां को पानी लगाने से मना कर दिया। कहा गया कि यदि फसल की सिंचाई की गई तो सबूत खत्म हो जाएंगे। इसलिए समय पर सिंचाई नहीं हो सकी, जिससे फसल में दाना नहीं बना। हमारी 6 महीने की फसल है, लेकिन इस घटना के बाद मेहनत बेकार हो गई। हम खेती और पशुओं के भरोसे ही जीवनयापन रहते हैं। ऐसे में हमें नुकसान हुआ है। हमारी सरकार मदद करे।
खेत मालिक का भाई घटना का चश्मदीद
सोम सिंह का छोटा भाई विक्रम उर्फ छोटू 14 सितंबर को हुई घटना का चश्मदीद भी है। उससे सीबीआई अब तक दो बार पूछताछ कर चुकी है। उसने सीबीआई टीम को बताया कि जिस खेत में लड़की मिली थी, वह उसका ही है। उसका कहना था कि घटना वाले दिन वह खेत में चारा काट रहा था, तभी चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनी। मौके पर पहुंचा तो लड़की खेत में पड़ी थी। उसका भाई और मां खड़े हुए थे।
यह है पूरा मामला
हाथरस जिले के चंदपा इलाके के बुलगढ़ी गांव में 14 सितंबर को 4 लोगों ने 19 साल की दलित लड़की से गैंगरेप किया था। आरोपियों ने लड़की की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी थी। परिजन ने जीभ काटने का भी आरोप लगाया था। दिल्ली में इलाज के दौरान 29 सितंबर को पीड़िता की मौत हो गई थी। चारों आरोपी जेल में हैं। हालांकि, पुलिस का दावा है कि लड़की के साथ गैंगरेप की घटना नहीं हुई है।