आज दिल्ली के किसान घाट पर प्रदर्शन करेंगे हजारों किसान, यातायात व्यवस्था पर पड़ेगा असर
By: Pinki Sat, 21 Sept 2019 08:34:25
यूपी के सहारनपुर से 11 सितंबर को शुरू हुई भारतीय किसान संगठन की पद यात्रा अपनी 15 सूत्रीय मांगों को लेकर मोदी सरकार के सामने रखने के लिए आज किसान घाट (Kishan Ghat) पर प्रदर्शन करेंगे। यह पद यात्रा शुक्रवार को नोएडा पहुंच गई। किसानों का काफिला सुबह करीब 11 बजे दिल्ली कूच करेगा और किसान घाट तक जाएगा। आसपास के दूसरे जिलों में रुके हजारों किसान शनिवार सुबह तक नोएडा पहुंच जाएंगे। नोएडा में भारतीय किसान संगठन और कृषि मंत्रालय के बीच बातचीत भी हुई लेकिन यह बातचीत बेनतीजा रही। हालांकि उसके पहले ही दिल्ली पुलिस ने पूरी तैयारी शुरू कर रखा है कि वह किसानों को दिल्ली जाने से रोक सकें। दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर दिल्ली पुलिस ने अपने जवानों को तैनात कर दिए हैं। सीआरपीएफ के जवानों को भी यहां लगाया गया है। फ्लाई ओवर के ऊपर और नीचे सीआरपीएफ और दिल्ली पुलिस के जवान पूरी मुस्तैदी के साथ तैनात कर दिए गए हैं। इससे साफ जाहिर है कि दिल्ली पुलिस पूरी कोशिश करेगी दिल्ली की तरफ किसान ना बढ़ सके। पुलिस इसलिए डेरा डाले हुए है कि अगर किसान दिल्ली के लिए कूच कर गए तो रास्ते में भारी जाम की आशंका होगी। नोएडा से दिल्ली मार्ग पर यदि जाम लग गया तो उसे संभालना मुश्किल हो जाएगा। दिल्ली पुलिस भी नोएडा पुलिस के संपर्क में है। किसान एनएच-24 से होकर जाएंगे तो इसका प्रभाव सीधा गाजियाबाद यातायात व्यवस्था पर भी पड़ेगा।
Uttar Pradesh’s farmers will conduct a march to Kishan Ghat in Delhi today, after talks between Bhartiya Kisan Sanghatan & the Agriculture Ministry failed in Noida. The march began on Sept 11, against the rise of electricity tariff among others. pic.twitter.com/Qum19QE0Bm
— ANI UP (@ANINewsUP) September 20, 2019
किसान नेताओं का कहना है कि हम अपनी मांगें शांतिपूर्ण तरीके से रखने आए हैं। हम शनिवार को दिल्ली कूच करेंगे। अगर सरकार हमें रोकेगी तो हम विरोध नहीं करेंगे लेकिन जहां भी रोका जाएगा वहीं पर भूख हड़ताल करेंगे।
ये हैं किसानों की प्रमुख मांगें
- कम रेट पर मिले बिजली,
- गन्ने की पेमेंट ब्याज सहित हो,
- गोवंश की देखभाल का भत्ता बढ़ाया जाए,
- किसान पेंशन शुरू हो, 60 वर्ष की आयु के बाद 5,000 रुपये महीना पेंशन मिले
- किसान और मजदूरों की शिक्षा एवं स्वास्थ्य मुफ्त,
- किसान दुर्घटना बीमा,
- स्वामिनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू हो,
- किसान कर्जमाफी
- समस्त दूषित नदियों को प्रदूषण मुक्त कराया जाए।
- पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट और एम्स की स्थापना हो।
- खेती कर रहे किसानों की दुर्घटना में मृत्यु होने पर शहीद का दर्जा दिया जाए।
भारतीय किसान संगठन के उपाध्यक्ष राधे ठाकुर ने आजतक से बातचीत करते हुए बताया कि सहारनपुर से दिल्ली के लिए निकली 'किसान-मजदूर यात्रा' में हजारों किसान शामिल हैं। सहारनपुर से दिल्ली के किसान घाट तक पैदल यात्रा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में किसानों की हालत दयनीय है और किसान आर्थिक संकट से जूझ रहा है, लेकिन सरकार हाथ पर हाथ रखे सो रही है।
उन्होंने कहा कि समय से किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं हो रहा। योगी सरकार बिजली की दर बढ़ाकर किसान की कमर तोड़ रही है और कर्ज के चलते किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं। इसी के चलते देश के किसान को दिल्ली पैदल आने के लिए मजबूर होना पड़ा है। जब तक किसानों की मागों के बारे में सरकार कोई ठोस आश्वासन नहीं देती तब तक किसान दिल्ली छोड़ने वाले नहीं हैं। भले ही हमें जितने दिनों तक दिल्ली में पड़ाव करना पड़े।
उन्होंने ने कहा कि सरकार तो सरकार है लेकिन विपक्ष भी किसानों को लेकर गंभीर नहीं है। विपक्ष के निष्क्रिय होने के कारण किसानों को खेती का काम छोड़कर सड़कों पर आने को विवश होना पड़ रहा है। हालांकि उन्होंने कहा कि विपक्ष दलों में से महज राष्ट्रीय लोकदल ने ही समर्थन किया है और अपने प्रतिनिधिमंडल को भी भेजा है। इसके अलावा बाकी दलों को कोई समर्थन नहीं मिला है।
नोएडा पहुंचे किसानों ने शुक्रवार को ट्रांसपोर्ट नगर में पुलिस के पहरे के बीच गाने, भजन व रागनियां गाकर किसानों ने रात गुजारी। कई जगह प्रदर्शन भी किया।