बुलंदशहर हिंसा: गोकशी मामले में दो नाबालिग बच्चों के नाम FIR, पुलिस ने 4 घंटे थाने में बैठाया

By: Priyanka Maheshwari Wed, 05 Dec 2018 2:42:41

बुलंदशहर हिंसा: गोकशी मामले में दो नाबालिग बच्चों के नाम FIR, पुलिस ने 4 घंटे थाने में बैठाया

सोमवार को बुलंदशहर (Bulandshahr) में खेतों में कथित रूप से गाय के अवशेष (cow slaughter) मिलने के बाद हिंसा भड़क (Bulandshahr violence) गई थी। पुलिस के द्वारा मौके पर पहुंचकर लोगों को समझाने की कोशिश की गई। लेकिन भीड़ नहीं मानी और ज्यादा उग्र हो गई। भीड़ ने पुलिस पर ही हमला कर दिया। हिंसा के दौरान दो लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह (Subodh Kumar Singh) भी शामिल थे। पुलिस ने 27 लोगों को नामजद किया और 50-60 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इसके साथ ही इस मामले में करीब चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

7 लोगों के खिलाफ गोकशी का मामला दर्ज, दो नाबालिग भी शामिल

बुलंदशहर हिंसा में अल्पसंख्यक समुदाय के 7 लोगों के खिलाफ गोकशी का मामला दर्ज किया गया है। जिन सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है ये सभी नयाबांस गांव के रहने वाले हैं और इसमें दो नाबालिग भी शामिल है। इनकी उम्र 11 और 12 साल है। स्थानीय पुलिस और गांववालों का कहना है कि बाकी लोग जिनके खिलाफ FIR दर्ज की गई है वे घटना के दिन गांव में नहीं थे। बजंरग दल के जिला प्रमुख योगेश राज के बयान पर इन सभी आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है। आपको बता दें कि योगेश राज के खिलाफ भी अलग से FIR दर्ज की गई है। योगेश राज पर पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या और हिंसा भड़काने का आरोप है। नाबालिग बच्चों के माता-पिता और उनके करीबी रिश्तेदारों का कहना है कि पुलिस तलाशी के लिए उनके घर आई थी। शुरुआती पूछताछ के बाद पुलिस बच्चों को साथ लेकर गई। एक रिश्तेदार ने कहा, ''मुझे बच्चों के साथ थाने लेकर गए थे। मुझे वहां करीब 4 घंटे तक रखा। इसके बाद पुलिस ने मुझे नाम और फोन नंबर देने को कहा।''

थाने ले जाए गए एक नाबालिग ने कहा, ''हमने वहां बात नहीं की। मुझे वहां बड़ा अजीब सा लग रहा था। मैं पहली बार किसी थाने में गया था। जब मेरे चाचा ने कहा कि हम लोगों की उम्र 18 साल से कम है तब पुलिस ने हमें आधार कार्ड दिखाने को कहा।''

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बुलंदशहर के एक सीनियर पुलिस अधिकारी कृष्ण बी सिंह ने कहा कि वह तथ्यों की जांच कर रहे हैं। करीब 70 पुलिसवाले नयाबांस गांव में 7 आरोपियों की तलाश में गई थी। इन सात आरोपियों में सुदैफ का भी नाम था। लेकिन वो इस गांव का रहने वाला नहीं है। इलियास नाम के दो लोग इस गांव में मिले। लेकिन पुलिसवालों को बताया गया कि 15 साल पहले ही ये दोनों अपने परिवार के साथ गांव छोड़ कर जा चुके हैं। FIR में तीसरा नाम शराफत का था। वो भी कई सालों से अपने परिवार के साथ फरीदाबाद में रहते हैं।

गांव के सैफुद्दीन और परवेज़ का भी नाम FIR में था। लेकिन शनिवार से ही ये दोनों नयाबांस गांव से दूर बुलंदशहर में थे। ये दोनों वहां धार्मिक कार्यक्रम इज्तेमा के लिए गए थे। अभी तक ये दोनों वहां से वापस नहीं आए हैं। इनके परिवारवालों ने पुलिस को सबूत के तौर पर इज्तेमा में इनके शामिल होने की तस्वीरें और वीडियो भी दिए।

बुलंदशहर की घटना एक बड़े षड्यंत्र का हिस्सा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार देर रात अफसरों के साथ आवास पर बुलंदशहर में हुई हिंसा की घटनाअों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने मारे गए छात्र सुमित के परिजनों को 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया। वही पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के परिजनों को 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। साथ ही गोकशी में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा- बुलंदशहर की घटना एक बड़े षड्यंत्र का हिस्सा है। योगी ने कहा कि 19 मार्च 2017 से सूबे के सभी अवैध स्लॉटर हाउस बंद कर दिए गए हैं। अगर कहीं अभी भी चल रहे हैं तो इसकी जिम्मेदारी जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों की होगी। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को इस आदेश का कड़ाई से पालन कराने को कहा। योगी ने निर्देश दिया कि प्रदेश में ऐसा अभियान चलाया जाए, जिससे माहौल खराब करने वाले तत्व बेनकाब हो सकें। मुख्यमंत्री ने बुलंदशहर हिंसा मामले में सभी आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी के निर्देश दिए।

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