अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की दुनिया को धमकी, कहा- दम है तो 4 नवंबर के बाद खरीदें ईरान से तेल
By: Priyanka Maheshwari Fri, 12 Oct 2018 12:50:04
जहां भारत ने रूस के साथ एस-400 डिफेंस मिसाइल सिस्टम खरीदने का समझौता किया, वहीं अब ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध के बावजूद उससे कच्चा तेल खरीदना अमेरिका को नागवार गुजर रहा है और अब उसने सख्त कदम उठाने की धमकी दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सभी देशों को धमकाते हुए कहा है कि दम है तो 4 नवंबर के बाद ईरान से कच्चा तेल खरीदकर देखे। ट्रंप ने कहा कि 4 नवंबर तक दुनियाभर के देश ईरान से कच्चे तेल का आयात पूरी तरह से बंद करें, वरना उन्हें अमेरिका 'देख लेगा'। ट्रंप ने भारत और चीन को भी चेतावनी देते हुए कहा कि 'हम उन्हें भी देखेंगे'।
गौरतलब है कि भारत और चीन जैसे देशों के ईरान से तेल आयात जारी रखने के बारे में पूछे जाने पर ट्रम्प ने कहा कि हम उन्हें देख लेंगे जो ईरान से कच्चा तेल खरीद रहे हैं।
बता दें कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साल 2015 में ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका को अलग कर लिया था और उसके बाद ईरान पर प्रतिबंध लगा दिया था। ट्रंप ने ईरान से तेल खरीदने वाले सभी देशों से अपील की है कि वो ईरान से कच्चे तेल का आयात घटाकर शून्य कर लें और अगर ऐसा नहीं किया तो उन देशों पर भी प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि रूस से पांच अरब डॉलर के सौदे में एस-400 हवाई रक्षा प्रणाली खरीदने पर भारत के खिलाफ अमेरिकी कानून के तहत दंडात्मक कार्रवाई होती है अथवा नहीं, इसके बारे में जल्द स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
एस-400 सौदे में अमेरिका का काट्सा एक्ट बना रोड़ा
रूस से हुए एस-400 सौदे में अमेरिका का काट्सा एक्ट सबसे बड़ा रोड़ा बना हुआ है। दरअसल, ये एक्ट वैश्विक तौर पर अमेरिका के ईरान, उत्तर कोरिया और रूस के खिलाफ आर्थिक और राजनीतिक प्रतिबंधों के माध्यम से उन्हें निशाना बनाने की ताकत देता है।
बता दें हाल ही में अमेरिका ने 'काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शंस एक्ट' (काट्सा) का प्रयोग कर एस-400 की खरीद को लेकर चीनी प्रतिष्ठानों पर प्रतिबंध लगाए थे। अब भारत पर भी यही खतरा मंडरा रहा है। हालांकि भारत को इसमें कुछ छूट मिलने की संभावना है। अमेरिका में मौजूद 'फ्रेंड्स ऑफ इंडिया' को आशा है कि ट्रंप भारत को काट्सा के तहत प्रतिबंधों से छूट देंगे, क्योंकि अमेरिका भारत को अपना महत्वपूर्ण रक्षा साझेदार मानता है।