उन्नाव रेप पीड़िता को मिला इंसाफ, दोषी विधायक कुलदीप सेंगर को कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा

By: Pinki Fri, 20 Dec 2019 2:46:40

उन्नाव रेप पीड़िता को मिला इंसाफ, दोषी विधायक कुलदीप सेंगर को कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा

उन्नाव रेप केस में कोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई है। दिल्ली (Delhi) की तीस हजारी कोर्ट (Tis Hazari Court) ने अपने निर्णय में दोषी सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही जज ने फैसले में सेंगर को पीड़ित परिवार को पच्चीस लाख रुपये मुआवजा देने का भी आदेश दिया है। वहीं फैसला के वक्त कुलदीप सेंगर जज के सामने हाथ जोड़कर खड़े रहे। इसके साथ ही कोर्ट ने सीबीआई को पीड़िता और उसके परिवार को आवश्यक सुरक्षा प्रदान करने का आदेश दिया।

कोर्ट ने सेंगर को अपहरण और रेप का दोषी पाया गया। सजा पर बहस के दौरान सीबीआई ने कोर्ट से अधिकतम सजा की मांग की थी। वहीं बचाव पक्ष के वकील ने एक बार फिर दोहराया कि उनके मुवक्किल कुलदीप सेंगर की दो बेटियां और पत्नी है, उन पर उन सभी की जिम्मेदारी है। इसलिए सजा देते समय इस बात का ख्याल रखा जाए। बचाव पक्ष के वकील ने कोर्ट में कहा कि उनकी (कुलदीप सेंगर) उम्र 54 साल है और उनका पूरा करियर देखा जाए तो वर्ष 1988 से अभी तक वो पब्लिक डीलिंग करते रहे हैं। उन्होंने हमेशा लोगों की सेवा की है। साथ ही वकील ने कहा था कि उनके खिलाफ यह पहला मामला है। उनकी दो बेटियां हैं जो शादी के लायक हैं ऐसे में उनको कम से कम सजा दी जानी चाहिए।

16 दिसंबर को दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने सेंगर को धारा 376 और पॉक्सो के सेक्शन 6 के तहत दोषी ठहराया था। जबकि 17 दिसंबर को सजा पर बहस की गई थी। इससे पहले अदालत ने कहा था कि वह जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं करना चाहते हैं। उन्नाव रेप कांड जघन्य साजिश, हत्या और दुर्घटनाओं से भरा हुआ है।

बीते सोमवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को रेप और पॉक्सो एक्ट में दोषी ठहराया था। अदालत ने मामले में आरोपी बनाई गई शशि सिंह की भूमिका को संदेह के घेरे में रखा। शशि ‌सिंह के खिलाफ पर्याप्त सबूत न होने और उनकी इसमें सीधे तौर पर भूमिका स्पष्ट नहीं होने के चलते कोर्ट ने उन्हें संदेह का लाभ देते हुए मामले से बरी कर दिया था।

क्या है मामला?


उन्नाव के बांगरमऊ से विधायक कुलदीप सिंह सेंगर से मिलने के लिए उनके घर के करीब रहने वाली एक 17 वर्षीय किशोरी एक महिला के साथ 4 जून 2017 को नौकरी मांगने के लिए पहुंची थी। जो महिला किशोरी को लेकर वहां गई थी उसका नाम शशि सिंह था। वो सेंगर की करीबी थी। उसी के बाद अचानक एक दिन उस किशोरी ने खुलासा किया कि विधायक ने उसके साथ बलात्कार किया है। जिसके बाद ये मामला सामने आया।

पिता की हत्या

इस मामले में पहले तो विधायक सेंगर के भाई अतुल ने पीड़िता के पिता को बेरहमी से पीटा, फिर उसे साजिश के तहत झूठे मामलों में फंसा कर पुलिस थाने भिजवा दिया। जहां उनकी हत्या कर दी गई। इस मामले में काफी वक्त बाद में अतुल को गिरफ्तार किया गया। जब विधायक सेंगर जेल चला गया, तब भी वो अपनी हरकतों से बाज नहीं आया। वो जेल में रहकर भी पीड़िता और उसके परिवार के खिलाफ साजिश रचता रहा।

परिजनों की मौत

28 जुलाई 2019 को पीड़िता अपने चाचा, चाची और वकील के साथ उनकी कार में केस के सिलसिले में यात्रा कर रही थी। तभी हाइवे पर एक ट्रक ने उनकी कार को टक्कर मार दी। जिससे पीड़िता के परिजनों की मौत हो गई, जबकि वो और उनके वकील गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके बाद सेंगर पर हत्या की कोशिश, आपराधिक साजिश और आपराधिक धमकी के लिए मामला दर्ज किया गया। एफआईआर में सेंगर के भाई मनोज सिंह सेंगर, शशि सिंह और उनके सहयोगियों सहित 10 लोगों को नामजद किया गया।

बता दें कि कुलदीप सेंगर पर अभी तीन और मामले दिल्ली की विशेष सीबीआई कोर्ट में चल रहे हैं। अभी सेंगर को रेप के मामले में दोषी करार दिया गया है। वर्ष 2017 में मामला सामने आने के बाद कुलदीप सेंगर को 14 अप्रैल, 2018 को गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद बीजेपी ने उन्हें पार्टी से निष्काषित कर दिया था।

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