उन्नाव रेप पीड़िता की हालत नाज़ुक, कई हड्डियां टूटीं, लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर में चल रहा इलाज

By: Pinki Mon, 29 July 2019 09:14:03

उन्नाव रेप पीड़िता की हालत नाज़ुक, कई हड्डियां टूटीं, लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर में चल रहा इलाज

उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित उन्नाव रेप कांड की पीड़िता और वकील महेंद्र प्रताप सिंह रविवार को हुए सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हुए। दोनों का लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर में इलाज चल रहा है और हालत गंभीर बनी हुई है। डाक्टरों ने उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा है। इस सड़क हादसे में हादसे में पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई। पीड़िता के चाचा रायबरेली जेल में बंद हैं, परिवार उन्हीं से मिलने के लिए जा रहा था। बता दें कि इस रेप केस में भारतीय जनता पार्टी के विधायक कुलदीप सेंगर मुख्य आरोपी हैं।

क्या कहना है एडीजी राजीव कृष्णन का?

लखनऊ जोन के एडीजी राजीव कृष्णन ने कहा, 'डॉक्टरों ने मुझे बताया कि सड़क दुर्घटना में घायल हुई पीड़िता और वकील को लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर डाल दिया गया है। डॉक्टरों का कहना है कि पीड़िता की कई हड्डियां टूट गई हैं। उनके सिर में चोट आई है।

एडीजी राजीव कृष्णन ने बताया कि ट्रक को जब्त कर लिया गया है। ड्राइवर को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। हालांकि अभी तक किसी ने इस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। उन्होंने कहा, 'मैंने पीड़िता के परिजनों से इस मामले में एफआईआर दर्ज करवाने के लिए कहा है।'

एडीजी राजीव कृष्णन ने कहा कि जिस ट्रक से कार की भिडंत हुई उसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। ट्रंक का नंबर प्लेट ब्लैक इंक से पेंट किया गया था। लेकिन ट्रक और कार की फोरेंसिक जांच की जाएगी।

उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक पीड़ित परिवार ने खुद ही सुरक्षाकर्मी को साथ न आने के लिए कहा, क्योंकि कार में जगह कम थी। लेकिन यह जांच का मामला है। इसकी जांच की जाएगी। बताया जा रहा है कि रविवार को जेल में बंद अपने चाचा से मिलने जा रही पीड़िता की कार को ट्रक ने टक्कर मार दी। हादसे के बाद ट्रक का चालाक मौके से भागकर दूसरे गांव पहुंच गया। लेकिन पुलिस की तत्परत से उसे गिरफ्तार कर लिया गया। चालक का नाम आशीष पाल बताया जा रहा है, जो फतेहपुर जिले का रहने वाला बताया जा रहा है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक ट्रक 100 किमी घंटे की रफ़्तार से दौड़ रहा था। इतना ही नहीं ट्रक में आगे के नंबर पलट पर कालिख पुती थी, जबकि पीछे यूपी 71 एटी 8300 लिखा हुआ है। इस मामले को लेकर भी पुलिस पड़ताल कर रही है कि ऐसा क्यों है। इसकी भी जांच की जा रही है कि कहीं नंबर को लेकर कोई हेरफेर तो नहीं की गई है। इस सड़क दुर्घटना को लेकर सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि हादसे के बाद दो चौंकाने वाली बात सामने आ रही है। पहली ट्रक के नंबर प्लेट पर कालिख लगी थी और दूसरी कि सरकार की ओर से मुहैया कराए गए सुरक्षाकर्मी साथ नहीं थे।

कार के एक्सीडेंट की जांच करने के लिए लखनऊ फॉरेंसिक विभाग की चार सदस्यीय टीम रविवार को घटनास्थल पहुंची। लेकिन अंधेरा होने की वजह से टीम आज सोमवार से जांच में जुटेगी कि यह हादसा था या कुछ और। एसपी सुनील कुमार सिंह ने बताया कि हादसे की जांच के लिए फॉरेंसिक टीम की मदद मांगी गई थी। जिसके बाद चार लोगों की टीम रायबरेली पहुंची है। टीम यह पता लगाएगी कि यह हादसा ही था या फिर कुछ और।

वही इस हादसे में बाद पीड़िता की बहन का कहना है कि विधायक समर्थक लगातार सुलह समझौते को लेकर धमकी दे रहे हैं। केस में पैरवी कर रही चाची को जान से मारने की धमकी दी थी। पीड़िता की बहन ने गांव के तीन युवकों पर डराने व धमकाने का आरोप लगाया है।

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