उन्नाव रेप पीड़िता के साथ सड़क हादसा, परिवार ने लगाया साजिश का आरोप, अखिलेश ने उठाई CBI जांच की मांग

By: Pinki Mon, 29 July 2019 08:58:02

उन्नाव रेप पीड़िता के साथ सड़क हादसा, परिवार ने लगाया साजिश का आरोप, अखिलेश ने उठाई CBI जांच की मांग

उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित उन्नाव रेप कांड की पीड़िता रविवार को रायबरेली में सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गई है। पीड़िता अपने परिजनों के साथ उन्नाव जेल में बंद चाचा से मिलने जा रही थी। इस दौरान ट्रक और कार की भिड़ंत हो गई। हादसे में पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई। हादसे में पीड़िता और उसके वकील महेंद्र प्रताप सिंह बुरी तरह जख्मी हो गए जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। पीड़िता के चाचा रायबरेली जेल में बंद हैं, परिवार उन्हीं से मिलने के लिए जा रहा था। पीड़िता की बहन ने बड़ा आरोप लगाया है। उसने कहा कि विधायक समर्थक लगातार सुलह समझौते को लेकर धमकी दे रहे हैं। केस में पैरवी कर रही चाची को जान से मारने की धमकी दी थी। पीड़िता की बहन ने गांव के तीन युवकों पर डराने व धमकाने का आरोप लगाया है।

दरहसल, मामले में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के आरोपी होने की वजह से इस घटना के पीछे कई और वजहों की भी तलाश की जा रही है। हादसे के बाद ट्रक का चालाक मौके से भागकर दूसरे गांव पहुंच गया। लेकिन पुलिस की तत्परत से उसे गिरफ्तार कर लिया गया। चालक का नाम आशीष पाल बताया जा रहा है, जो फतेहपुर जिले का रहने वाला बताया जा रहा है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक ट्रक 100 किमी घंटे की रफ़्तार से दौड़ रहा था। इतना ही नहीं ट्रक में आगे के नंबर पलट पर कालिख पुती थी, जबकि पीछे यूपी 71 एटी 8300 लिखा हुआ है। इस मामले को लेकर भी पुलिस पड़ताल कर रही है कि ऐसा क्यों है। इसकी भी जांच की जा रही है कि कहीं नंबर को लेकर कोई हेरफेर तो नहीं की गई है।

इस सड़क दुर्घटना को लेकर सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि हादसे के बाद दो चौंकाने वाली बात सामने आ रही है। पहली ट्रक के नंबर प्लेट पर कालिख लगी थी और दूसरी कि सरकार की ओर से मुहैया कराए गए सुरक्षाकर्मी साथ नहीं थे।

पुलिस इस मामले में हत्या की साजिश और हादसा, दोनों मानकर जांच कर रही है। उत्तर प्रदेश के एडीजी राजीव कृष्णन ने बताया, ''ट्रक के नंबर पर पेंट के बारे में जानकारी नहीं है लेकिन उसकी भी फोरेंसिक जांच होगी। एडीजी ने कहा कि 9 पुलिसकर्मी सुरक्षा में हैं, लेकिन वो आज साथ क्यों नहीं थे, इसके लिए एसपी उन्नाव को जांच के आदेश दिए गए हैं। हालांकि प्रथम दृष्टया पता चला है कि आज इन्होंने खुद ही सुरक्षा कर्मियों के लिए मना कर दिया था।''

अखिलेश ने जताई साजिश की आशंका, CBI जांच की मांग

वहीं इस मामले ने अब सियासी रंग लेना भी शुरू कर दिया है। समाजवादी पार्टी को इस घटना के जरिए योगी सरकार और बीजेपी को घेरने का मौका मिल गया है। अखिलेश यादव ने सड़क हादसे की CBI जांच की मांग की है। एसपी मुखिया अखिलेश यादव ने कहा, 'घटना की जांच सीबीआई से करानी चाहिए, घटना से बीजेपी की विधायक जुड़ा है और प्रदेश में बीजेपी की सरकार है। प्रदेश में जंगल राज है और अपराधी बेखौफ हैं।' समाजवादी पार्टी इसे सड़क दुर्घटना मानने को तैयार नहीं है। पार्टी का कहना है कि वो पीड़िता के इलाज का पूरा खर्च भी उठाएगी।

कांग्रेस विधायक पीड़िता से मिलने ट्रामा सेंटर पुहंचीं

पीड़िता से मिलने के लिए कांग्रेस की विधायक अराधना मिश्रा भी ट्रामा सेंटर पुहंचीं। उन्होंने कहा कि मुझे प्रियंका गांधी ने पीड़िता से मिलने के लिए भेजा है। इस घटना की जांच-पड़ताल होनी चाहिए। इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए। हम इसकी न्यायिक जांच भी चाहते हैं। यूपी सरकार पर निशाना साधते हुए अराधना मिश्रा ने कहा कि यह सरकार असंवेदनशील है। अभी तक उसने पीड़ित परिवार से संपर्क नहीं किया है।

फॉरेंसिक विभाग की टीम घटनास्थल पहुंची

कार के एक्सीडेंट की जांच करने के लिए लखनऊ फॉरेंसिक विभाग की चार सदस्यीय टीम रविवार को घटनास्थल पहुंची। लेकिन अंधेरा होने की वजह से टीम सोमवार से जांच में जुटेगी कि यह हादसा था या कुछ और। एसपी सुनील कुमार सिंह ने बताया कि हादसे की जांच के लिए फॉरेंसिक टीम की मदद मांगी गई थी। जिसके बाद चार लोगों की टीम रायबरेली पहुंची है। टीम यह पता लगाएगी कि यह हादसा ही था या फिर कुछ और।

बता दें पुलिस इसे हादसा ही मान रही है, लेकिन प्रत्यक्षदर्शी और पीड़िता के परिजन इसे साजिश बता रहे हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक जिस वक्त हादसा हुआ उस समय ट्रक की रफ़्तार बहुत ज्यादा थी। उधर हाईप्रोफाइल मामला होने की वजह से पुलिस भी घटना को गंभीरता से ले रही है। लखनऊ के उच्च पुलिस अधिकारी बजी रायबरेली पहुंचे और मौके का मुआयना किया।

उन्नाव कांड था क्या?

जून 2017 में उन्नाव रेप केस के बाद यूपी की सियासत में सनसनी फैल गई थी। सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के ही एक विधायक पर नाबालिग के साथ रेप करने का आरोप लगा था। उस वक्त महज 3 महीने पुरानी योगी सरकार विरोधियों के निशाने पर आ गई थी। पीड़ित नाबालिग ने आरोप लगाया था कि जब वो अपने एक रिश्तेदार के साथ नौकरी मांगने गई थी तब विधायक कुलदीप सेंगर ने अपने घर पर उसका रेप किया। विधायक और उसके समर्थकों ने पुलिस में शिकायत नहीं करने का भी दबाव डाला।

3 अप्रैल को पीड़िता के पिता के साथ विधायक के भाई ने मारपीट की, जिसके बाद पुलिस की हिरासत में ही लड़की के पिता की मौत हो गई। आरोप लगा कि विधायक के भाई और समर्थकों ने पुलिस की मौजूदगी में मारा-पीटा था। प्रशासन ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने के आदेश दिए थे। और फिर सीबीआई ने ही कुलदीप सेंगर को गिरफ़्तार किया। कुलदीप सेंगर के खिलाफ माखी थाने में बलात्कार और पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया। उन्नाव के बांगरमउ सीट से विधायक और बीजेपी नेता कुलदीप सिंह सेंगर इस कथित रेप कांड में फिलहाल जेल में बंद है।

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