श्रीलंका सीरियल ब्लास्ट: शक के घेरे में नैशनल तोहिथ जमात, अब तक 290 लोगों की मौत, करीब 500 लोग घायल, 13 आरोपी गिरफ्तार

By: Priyanka Maheshwari Mon, 22 Apr 2019 08:33:13

श्रीलंका सीरियल ब्लास्ट: शक के घेरे में नैशनल तोहिथ जमात, अब तक 290 लोगों की मौत, करीब 500 लोग घायल, 13 आरोपी गिरफ्तार

रविवार ईस्टर पर्व के मौके पर श्रीलंका में हुए 8 सीरियल बम धमाकों से पूरी दुनिया दहल उठी। एक के बाद एक 8 विस्फोटों में मरने वालों की संख्या करीब 290 तक पहुंच गई है वहीं, 500 से ज्यादा लोग जख्मी बताए जा रहे हैं। श्रीलंका में आतंकियों ने कल ईस्टर संडे के मौके पर 3 चर्च और 5 होटलों को निशाना बनाया था। मारे गये लोगों में 35 से ज्यादा विदेशी नागरिक भी शामिल है। अब तक किसी आतंकी संगठन या समूह ने इन हमलों की जिम्मेदारी नहीं ली है। लेकिन विदेशी मीडिया में नैशनल तोहिथ जमात (Thawheed Jamaat) का नाम लिया जा रहा है, जोकि एक इस्लामिक चरमपंथी संगठन है और इसका एक धड़ा तमिलनाडु में भी सक्रिय है। कोलंबो पुलिस ने 10 दिन पहले ही हमले की चेतावनी दी थी कि विदेशी खुफिया एजेंसी ने रिपोर्ट दी थी है कि नेशनल तोहीद जमात नाम का संगठन आत्मघाती हमले को अंजाम दे सकता है। वहां के सीनियर अधिकारियों को यह चेतावनी पुलिस चीफ पूजुथ जयसुंद्रा ने 11 अप्रैल को दी थी। अपनी तरफ से भेजे गए अलर्ट में जयसुंद्रा ने लिखा था, 'विदेशी खुफिया विभाग ने जानकारी दी है कि एनटीजी (नैशनल तोहिथ जमात) नाम का संगठन सुइसाइड हमलों की तैयारी कर रहा है।' हालांकि इस मामले में खुफिया एजेंसियों का शक कई और संगठनों पर भी है, लेकिन शक के दायरे में पहले नंबर पर तोहिथ जमात ही है। आत्मघाती बम का आविष्कार दशकों पहले तमिल ईलम के लिबरेशन टाइगर्स द्वारा किया गया था, लेकिन रविवार को श्रीलंका में जो हमले हुए वे इस्लामिक संगठनों द्वारा कराए जाने का प्रमाण दे रहे हैं। श्रीलंका तोहिथ जमात (SLTJ) हमेशा से ही वहाबी प्रचार और प्रसार के लिए जाना जाता रहा है। उसका खिंचाव देश के पूर्वी प्रांत की तरफ ज्यादा पाया गया है। वह वहां कट्टरपंथी संदेशों के प्रसार के लिए महिलाओं के लिए बुर्का और मस्जिदों के निर्माण के साथ शरिया कानून को आगे बढ़ाने में लगा है।

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क्या है नैशनल तोहिथ जमात

यह श्रीलंका का एक मुस्लिम चरमपंथी संगठन है, 2014 में उस वक्त आया जब इसके सचिव अब्दुल रैजिक ने बौद्ध धर्म के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिए थे। इस संगठन पर वहाबी विचारधारा का प्रचार-प्रसार करने का भी आरोप है। पिछले साल यह संगठन उस वक्त सुर्खियों में आया था जब इसने भगवान बुद्ध की मूर्तियां तोड़ी थीं। जिस तरह श्रीलंका में यह आतंकी संगठन श्री लंका तोहिथ जमात के नाम से जाना जाता है, उसी तरह तमिलनाडु में यह संगठन तमिलनाडु तोहिथ जमात के नाम से सक्रिय है।

13 लोग गिरफ्तार


बम धमाकों से जुड़े अब तक 13 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। बताया जा रहा है कि बरामद की गई वैन हमले में शामिल आतंकियों के ट्रांसपोर्ट में इस्तेमाल की गई थी। श्रीलंका में हालात को देखते हुए पूरी रात कर्फ्यू लगाया गया। इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर भी अस्थाई प्रतिबंध लगा दिया गया। आज पूरे श्रीलंका में छुट्टी घोषित की गई है। पुलिस के प्रवक्ता रूवन गुणशेखरा ने बताया कि यह श्रीलंका में हुए अब तक के सबसे खतरनाक हमलों में से एक है। ये विस्फोट स्थानीय समयानुसार रविवार सुबह पौने 9 बजे के करीब ईस्टर प्रार्थना सभा के दौरान कोलंबो के सेंट एंथनी गिरजाघर, पश्चिमी तटीय शहर नेगोम्बो के सेंट सेबेस्टियन गिरजाघर और बट्टिकलोवा के जियोन गिरजाघर में हुए। कोलंबो के तीन पांच सितारा होटलों-शांगरी ला, सिनामोन ग्रैंड और किंग्सबरी को भी निशाना बनाया गया। गुणशेखरा ने धमाकों में 207 लोगों की मौत की पुष्टि की। हालांकि स्थानीय समाचार चैनल न्यूज फर्स्ट के मुताबिक मृतकों की संख्या 215 है।

कहा जा रहा है कि कोलंबो में बंडारानायके इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास भी एक बम मिला था, लेकिन बम निरोधक दस्ते ने उसे डिफ्यूज कर दिया था। श्रीलंका एयरफोर्स के अधिकारियों ने जांच के बाद बताया है कि आईईडी की मदद से हमले में इस्तेमाल किए गए बम श्रीलंका में ही बनाए गए थे।

श्रीलंका में ये सीरियल बम धमाके ठीक उसी तरह किए गए हैं जैसे कि 2016 में ढाका में होली आर्टिशन बेकरी पर आत्मघाती हमला किया गया था। उस हमले में स्थानीय लड़कों की संलिप्तता पायी गई थी, लेकिन उन्हें ट्रेनिंग आईएस (इस्लामिक स्टेट) ने दी थी। अब तौहिथ जमात आत्मघाती हमलों में शामिल है या नहीं, इसे लेकर अभी स्थित साफ नहीं है। पूरी जांच-पड़ताल के बाद ही स्थिति साफ होगी। लेकिन इतना जरूर है कि अब जिहादी आतंकवाद श्रीलंका में भी अपने पैर पसार चुका है। चूंकि इस हमले को अंजाम देने के लिए ईस्टर जैसे पवित्र पर्व को चुना गया और उसमें गिरजाघरों को निशाना बनाया गया, इसलिए साफ है कि इसमें निशाना ईसाई धर्म के लोग ही थे और इससे किसी बड़े इस्लामिक जिहाद के भी संकेत नहीं मिलते। शुरुआती आकलन से लग रहा है कि हमले के पीछे लंका के कट्टरपंथी मुसलमान हो सकते हैं। लेकिन आतंकवाद विरोधी विशेषज्ञों का कहना है कि जिस स्तर के अटैक किए गए हैं उस स्तर के अटैक किसी स्थानीय समूह द्वारा बिना किसी बाहरी फोर्स की मदद के अंजाम दिए जाने मुश्किल हैं।

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर तीन भारतीयों की पहचान लक्ष्मी, नारायण चंद्रशेखर और रमेश के तौर पर की है। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, 'कोलंबो में भारतीय उच्चायुक्त ने जानकारी दी है कि नेशनल हॉस्पिटल ने उन्हें तीन भारतीयों की मौत के बारे में सूचित किया है।' वहीं, अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक श्रीलंका में हुए बम धमाकों में मारे गए विदेशियों में कई अमेरिकी भी शामिल हैं।

मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से की फोन पर बात

पीएम मोदी ने कहा कि दुख की इस घड़ी में भारत श्रीलंका के साथ है। पीएम मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से फोन पर बात भी की है।

तबाही मचाने से पहले नाश्ते के लिए लाइन में लगा था हमलावर


श्रीलंका में 8 सिलसिलेवार बम धमाकों में से एक को अंजाम देने वाला आत्मघाती हमलावर ब्लास्ट करने से कुछ वक्त पहले तक नाश्ते के लिए होटल की कैंटीन में लाइन में लगा था। श्रीलंकाई होटल के एक प्रबंधक ने कहा कि हमलावर बीती रात ही होटल में मोहम्मद आजम मोहम्मद के नाम से ठहरने आया था। होटल के मैनेजर ने बताया कि वह आतंकी खचाखच भरे रेस्तरां में ईस्टर की सुबह नाश्ते के लिए लाइन में सबसे आगे आकर खड़ा हो गया और फिर बम ब्लास्ट कर दिया। नाम न जाहिर करने की शर्त पर प्रबंधक ने एएफपी से कहा, “वहां काफी अव्यवस्था थी”। इस हमले में होटल का एक कर्मचारी भी मारा गया, जो लोगों को ब्रेकफस्ट परोसने के काम में लगा था।

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