जेट एयरवेज के अधिग्रहण के लिए टाटा ग्रुप का बड़ा प्लान, बातचीत का दौर जारी: सूत्र

By: Pinki Thu, 15 Nov 2018 3:55:59

जेट एयरवेज के अधिग्रहण के लिए टाटा ग्रुप का बड़ा प्लान, बातचीत का दौर जारी: सूत्र

जेट एयरवेज ( Jet Airways ) खरीदने को लेकर टाटा ग्रुप का बड़ा प्लान है। टाटा संस कर्ज के तले दबी जेट एयरवेज का अधिग्रहण करके सबसे बड़ी एविशन डील को अंजाम दे सकती है। खबर है कि टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन शुक्रवार को बोर्ड मेंबर्स के सामने जेट एयरवेज के अधिग्रहण का प्लान रख सकते हैं। अगर जेट में निवेश पर सहमति बनी, तो एविएशन इंडस्ट्री में टाटा का यह अब तक का तीसरा इन्वेस्टमेंट होगा। इसके पहले वह एयर एशिया और विस्तारा में पैसे लगा चुकी है।

सूत्रों के मुताबिक डील के तहत टाटा जेट के मौजूदा सबसे बड़े प्रोमोटर नरेश गोयल की पूरी हिस्सेदारी खरीद सकती है या फिर जेट एयरवेज के मौजूदा सबसे बड़े प्रमोटर नरेश गोयल का स्टेक नाम मात्र रह जाएगा। साथ ही टाटा जेट का पूरा प्रबंधकीय नियंत्रण अपने हाथ मे रखेगी। अधिग्रहण किस प्रकार होगा, यह फिलहाल साफ नहीं है। हालांकि, टाटा संस की मंशा जेट में 50% से ज्यादा शेयर खरीदकर उस पर मालिकाना हक पाने की है। इसमें चेयरमैन नरेश गोयल के पास 51 प्रतिशत शेयर है। टाटा संस गोयल के पास शेयरों का 25% जबकि बाकी शेयरधारकों के पास की 26 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदना चाहती है। इससे टाटा को जेट में कुल 51 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ मेजॉरिटी कंट्रोल हासिल हो जाएगा।

अभी जेट का मार्केट वैल्यू 2,928 करोड़ रुपये है और इस पर 86 अरब का कर्ज है। टाटा से डील के बाद वह वित्तीय संकट से बाहर आ सकेगी। आर्थिक संकट की वजह से वह अपने कर्मचारियों को सैलरी तक देने में सक्षम नहीं है।

सूत्रों के मुताबिक, यदि एतिहाद एयरलाइन्स अपने हिस्सेदारी बेच कर निकलना चाहेता है तो उसके लिए भी टाटा तैयार है। दरअसल टाटा ग्रुप, जेट एयरवेज की एविएशन सेक्टर में ताकत और सकारात्मक पहलुओं पर नज़र बनाए हुए है। टाटा की सबसे ज़्यादा दिलचस्पी जेट एयरवेज के 124 हवाई जहाज़ के बेड़े, देश दुनिया के अहम एयरपोर्ट्स पर लैंडिंग राइट्स, फ्लाइंग स्लॉट्स, रूट और विशालकाय इंफ्रास्ट्रक्चर पर है।

इस डील के बाद देश की एविएशन इंडस्ट्री में टाटा का शेयर बढ़कर 24 प्रतिशत हो जाएगा। बता दें कि जेट एयरवेज के पास अपना कुल 124 जहाज हैं। घरेलू मार्केट में उसकी हिस्सेदारी कुल 16 प्रतिशत और अंतरराष्ट्रीय मार्केट में 14 प्रतिशत है। वहीं, विस्तारा और एयरएशिया इंडिया की डोमेस्टिक मार्केट में हिस्सेदारी 4-4 प्रतिशत है। इन दोनों कंपनियों के इंटरनैशनल फ्लाइट्स नहीं हैं।

कहा जा रहा है कि टाटा विस्तारा और जेट एयरवेज को जोड़ भी सकती है। विस्तारा में टाटा की 51 प्रतिशत और सिंगापुर एयरलाइंस की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है। टाटा-जेट की डील होती है, तो यह पिछली डील्स के रेकॉर्ड तोड़ देगी। फिलहाल जेट द्वारा 2007 में 1,450 करोड़ में एयर सहारा का अधिग्रहण और जून 2007 में एयर डेक्कन का किंगफिशर से 26 प्रतिशत शेयर का सौदा बड़ा माना जाता है। यह डील 2,200 करोड़ में हुई थी।

दरअसल, 1990 के आखिरी दशक में टाटा संस के तत्कालीन चेयरमैन रतन टाटा ने सिंगापुर एयरलाइंस के साथ जॉइंट वेंचर बनाकर एविएशन सेक्टर में कदम रखा था, तब जेट के साथ उसकी तकरार शुरू हो गई। अब चंद्रशेखरन ग्रुप के एविएशन बिजनस एयर एशिया इंडिया और विस्तारा को निखारने में लगे हैं। इसके लिए उन्होंने दोनों कंपनियों में नई लीडरशिप के साथ-साथ फंड भी मुहैया कराया है।

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