स्टालिन ने पिता करुणानिधि को लिखा भावुक पत्र, कहा- क्या आपको आखिरी बार 'अप्पा' कह सकता हूं...
By: Priyanka Maheshwari Wed, 08 Aug 2018 12:40:51
तमिलनाडू के पटकथा लेखक के नाम से मशहूर दिग्गज नेता एम करुणानिधि के निधन से राज्य शोक में डूबा हुआ है। इस शोक में करुणानिधि के बेटे एम के स्टालिन अपने दायित्वों को निभाते हुए एक पुत्र के रूप में पिता को हर पल याद कर रहे हैं। रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) के नेता एम. के. स्टालिन ने अपने दिवंगत पिता और पार्टी नेता एम. करुणानिधि (M Karunanidhi) की याद में बुधवार को एक भावुक पत्र लिखा और इजाजत मांगी है ' क्या मैं आपको अप्पा कह लूं?' पिता के नाम इस खत को बेटे स्टालिन ने ट्वीटर पर साझा किया।
जहां करुणानिधि के निधन से उनके सभी प्रशंसक बेकाबू हो रहे हैं वहीं उनके बेटे स्टालिन भी अपनी भावुकता को छुपा नहीं पाये।इस लिए नेता और कार्यकर्ता की भूमिका से ऊपर उठ कर दिवंगत पिता से चिट्ठी के जरिए दिल की बात कही जिसे पढ़ लोग भी भावुक हो गये।
पत्र में स्टालिन ने कहा, "आपको अप्पा, अप्पा कहकर बुलाने की बजाए मैंने कई बार आपको थलाइवरय, थलाइवरय (मेरे नेता) कहकर बुलाया है। थलाइवरय क्या मैं आपको एक बार अप्पा कहकर पुकार सकता हूं"। स्टालिन ने कहा, "तीस साल पहले, आपने कहा था कि आपकी कब्र पर ये शब्द अंकित होने चाहिए.. वह व्यक्ति जिसने आराम किए बिना काम किया था, यहां आराम कर रहा है। क्या आप तमिल समुदाय के लिए कड़ी मेहनत करने की संतुष्टि के साथ विदा हुए हैं आप जहां भी जाते थे, उस जगह के बारे में मुझे जरूर बताते थे। अब मुझे बिना बताये कहां चले गए? आप हमें लड़खड़ाता छोड़ कहां चले गए? क्या अब आपने तय कर लिया है कि आप तमिल समाज के लिए काम कर चुके हैं? या क्या आप कहीं छिप कर देख रहे हैं कि क्या कोई आपके 80 साल के सामाजिक जीवन की उपलब्धियों को पीछे छोड़ सकता है? 3 जून को अपने जन्मदिन पर मैंने आपसे आपकी क्षमता का आधा मांगा था, क्या अब आप अरिग्नार अन्ना से मिले? अपने दिल को भी मुझे देंगे? क्योंकि उस बड़े दान से हम आपके आधूरे सपनों और आदर्शों को पूरा करेंगे।' खत के आखिर में स्टालिन ने करुणा को एक आखिरी बार 'पिता' कहने की इजाजत मांगी, तो जिसने भी इसे पढ़ा उसकी आंखें नम हो गईं। उन्होंने लिखा- 'करोड़ों उडनपिरपुक्कलों (डीएमके काडर) की ओर से मैं आपसे अपील करता हूं कि बस एक बार 'उडनपिरप्पे' बोल दीजिए और हम एक सदी तक काम करते रहेंगे। मैं आपको अप्पा कहने की जगह अपने जीवन में ज्यादातर समय 'थलाइवर' (नेता) कहता रहा। क्या कम से कम अब मैं आपको अप्पा कह सकता हूं?"
आपको बता दें कि करुणानिधि काफी समय से बीमार चल रहे थे। 28 जुलाई को तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें चेन्नई के कावेरी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मंगलवार की शाम 6 बजकर 10 मिनट पर करुणानिधि का निधन हो गया। एम करुणानिधि के निधन के बाद भारतीय राजनीति में शोक की लहर दौड़ पड़ी। द्रमुक प्रमुख और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम. करूणानिधि के निधन पर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सहित तमाम नेताओं ने शोक जताते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है। तमिलनाडु सरकार ने विपक्षी द्रमुक को उसके दिवंगत नेता पूर्व मुख्यमंत्री एम। करूणानिधि को दफनाने के लिए मरीना बीच पर जगह देने से इनकार कर दिया और उसे इसके लिए पूर्व मुख्यमंत्री सी राजगोपालचारी और के कामराज के स्मारकों के समीप जगह देने की पेशकश की। सरकार के इस कदम पर विवाद पैदा हो गया है और अब यह मामला मद्रास हाईकोर्ट तक पहुंच गया है।
ஒரே ஒருமுறை இப்போதாவது ‘அப்பா’ என அழைத்து கொள்ளட்டுமா ‘தலைவரே’! pic.twitter.com/HWyMPkSmLj
— M.K.Stalin (@mkstalin) August 7, 2018