सबरीमाला पर बोलीं स्मृति - खून से सना नैपकिन लेकर मंदिर में क्यों जाना!
By: Priyanka Maheshwari Tue, 23 Oct 2018 5:52:20
सुप्रीम कोर्ट के केरल में सबरीमला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश देने की अनुमति के बावजूद मंदिर में महिलाएं प्रवेश नहीं कर पाईं, वहीं कोर्ट के आदेश के खिलाफ प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है। सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 28 सितंबर को मंदिर में माहवारी आयु वर्ग (10 से 50 वर्ष) की महिलाओं के प्रवेश पर लगा प्रतिबंध हटा दिया था। सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ प्रदर्शनों के चलते महिलाओं को सबरीमला मंदिर में जाने से रोक दिया गया। इस बीच केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने मंगलवार को कहा कि पूजा करने के अधिकार का यह मतलब नहीं है कि आपको अपवित्र करने का भी अधिकार प्राप्त है।
स्मृति ईरानी ने कहा, ‘‘मैं उच्चतम न्यायालय के आदेश के खिलाफ बोलने वाली कोई नहीं हूं, क्योंकि मैं एक कैबिनेट मंत्री हूं। लेकिन यह साधारण-सी बात है क्या आप माहवारी के खून से सना नैपकिन लेकर चलेंगे और किसी दोस्त के घर में जाएंगे। आप ऐसा नहीं करेंगे।'' उन्होंने कहा, ‘‘क्या आपको लगता है कि भगवान के घर ऐसे जाना सम्मानजनक है? यही फर्क है। मुझे पूजा करने का अधिकार है लेकिन अपवित्र करने का अधिकार नहीं है। यही फर्क है कि हमें इसे पहचानने तथा सम्मान करने की जरूरत है।''
स्मृति ईरानी ने मुंबई में ब्रिटिश हाई कमीशन और आब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन की ओर से आयोजित "यंग थिंकर्स" कान्फ्रेंस को संबोधित किया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं हिंदू धर्म को मानती हूं और मैंने एक पारसी व्यक्ति से शादी की। मैंने यह सुनिश्चित किया कि मेरे दोनों बच्चे पारसी धर्म को मानें, जो आतिश बेहराम जा सकते हैं।'' आतिश बेहराम पारसियों का प्रार्थना स्थल होता है। स्मृति ईरानी ने याद किया जब उनके बच्चे आतिश बेहराम के अंदर जाते थे तो उन्हें सड़क पर या कार में बैठना पड़ता था। उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं अपने नवजात बेटे को आतिश बेहराम लेकर गई तो मैंने उसे मंदिर के द्वार पर अपने पति को सौंप दिया और बाहर इंतजार किया क्योंकि मुझे दूर रहने और वहां खड़े न रहने के लिए कहा गया।''
#WATCH Union Minister Smriti Irani says," I have right to pray,but no right to desecrate. I am nobody to speak on SC verdict as I'm a serving cabinet minster. Would you take sanitary napkins seeped in menstrual blood into a friend's home? No.Why take them into house of God?" pic.twitter.com/Fj1um4HGFk
— ANI (@ANI) October 23, 2018