कारगिल विजय दिवस : अपनी बेटी का चेहरा तक नहीं देख पाया था मुजफ्फरनगर का यह लाल, छुड़ाए थे दुश्मनों के छक्के

By: Ankur Sun, 26 July 2020 11:28:13

कारगिल विजय दिवस : अपनी बेटी का चेहरा तक नहीं देख पाया था मुजफ्फरनगर का यह लाल, छुड़ाए थे दुश्मनों के छक्के

आज 26 जुलाई का दिन हैं जिसे पूरे देशभर में विजय दिवस के रूप में मनाया जा रहा हैं क्योंकि आज ही के दिन लंबे संघर्ष के बाद भारतीय सेना पकिस्तान को देश से खदेड़ने में कामयाब हुई थी और ऑपरेशन विजय को कामयाबी मिली थी। आज के दिन इस युद्ध में शहीद हुए जवानों को याद कर उनके शौर्य की गाथा का गुणगान किया जाता हैं। इस कड़ी में आज हम आपको मुजफ्फरनगर के लाल गांव बेलड़ा के अमरेश पाल के बारे में बताने जा रहे हैं जो कि 28 जून 1999 को कारगिल लड़ाई में वीरगति को प्राप्त हुए थे।

अमरेश पाल ने जनता इंटर कॉलेज भोपा से इंटर की परीक्षा पास की थी। वह स्कूल के होनहार छात्रों में थे। इंटर के बाद उनका चयन आर्मी में हो गया था। वे महार रेजीमेंट में थे। 1999 में कारगिल की पहाड़ियों पर दुश्मनों के छक्के छुड़ाते हुए वह 28 जून 1999 को शहीद हो गए थे।

शहीद की पत्नी उमाकांता ने बताया कि कारगिल लड़ाई के दौरान उनके पति को छुट्टी से वापस बुलाया गया था। वह बीच रास्ते में ही थे, तब उनकी बेटी ज्योति का जन्म हुआ था। वह अपनी बेटी से भी नहीं मिल पाए थे। गांव में शहीद अमरेश पाल के नाम से जूनियर हाई स्कूल बना हुआ है, जिसमें सैकड़ों छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। शहीद अमरेश पाल के परिवार सहित पूरा बेलड़ा गांव उनकी शहादत को सलाम करता है।

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