गहरे प्यार के दौरान बनाया गया शारीरिक संबंध रेप नहीं : हाईकोर्ट
By: Priyanka Maheshwari Mon, 02 Apr 2018 11:12:07
बॉम्बे हाईकोर्ट की गोवा पीठ ने रेप के मामले में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि गहरे प्यार के दौरान बनाए गए शारीरिक संबंध को रेप की संज्ञा नहीं दी जा सकती है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि जब दोनों के बीच 'गहरे प्रेम संबंधों' का प्रमाण मौजूद हो, तब 'तथ्यों की गलत व्याख्या' के आधार पर पुरुष को रेप का आरोपी नहीं माना जा सकता है।
बता दे, किकोर्ट ने यह फैसला योगेश पालेकर के मामले में सुनाया, जिन पर एक महिला के साथ शादी का वादा कर रेप करने के आरोप में 7 साल की जेल और 10 हजार रुपए का जुर्माना लगा हुआ था। कोर्ट ने 2013 के इस मामले में आदेश देते हुए आरोपी की सजा और जुर्माने को हटा दिया। योगेश एक कैसिनो में शेफ का काम करते थे और उनका अफेयर वहीं काम करने वाली एक लड़की के साथ था। एक दिन शेफ योगेश पालेकर महिला को अपने घर अपने परिजनों से मिलवाने के लिए ले गए। उस वक्त योगेश का परिवार घर पर कोई नहीं था। जहां वह रात में रुक गईं और दोनों के बीच संबंध बना। अगली सुबह योगेश ने महिला को उनके घर पर ड्रॉप किया। महिला के अनुसार योगेश ने इसके अलावा भी उनके साथ 3-4 बार संबंध बनाए। लेकिन कुछ दिनों बाद योगेश ने शादी करने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि वह निम्न जाति से आती है। इसलिए वह शादी नहीं कर सकता है। महिला ने इसके बाद आरोपी के खिलाफ रेप की शिकायत दर्ज करा दी। जिसमें उसने आरोप लगाए थे कि उसने शादी का झांसा देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए।
कोर्ट ने अपनी सुनवाई में पाया कि महिला ने पालेकर को आर्थिक तौर पर भी मदद करती थी। जस्टिस सी. वी. भदांग ने पाया कि दोनों के बीच सहमति केवल पालेकर के वादों पर ही नहीं बनी, बल्कि उनकी आपसी सहमति से बनी। महिला ना केवल पालेकर को आर्थिक सहायता देती थी, बल्कि गोवा में डिप्रेशन का इलाज कराने की वजह से उसने अपनी शिकायत भी वापस ले ली। कोर्ट ने इन सबके आधार पर कहा कि यह रेप नहीं बल्कि दोनों के बीच प्यार का संबंध था।