Aadhaar Verdict: आधार कार्ड गरीबों की ताकत का जरिया बना है, 5 बातें

By: Pinki Wed, 26 Sept 2018 12:17:19

Aadhaar Verdict: आधार कार्ड गरीबों की ताकत का जरिया बना है, 5 बातें

सुप्रीम कोर्ट बुधवार को केंद्र के महत्वपूर्ण आधार कार्यक्रम और इससे जुड़े 2016 के कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली कुछ याचिकाओं पर फैसला सुना दिया। सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की पीठ ने आधार को सुरक्षि‍त और लोगों के लिए जरूरी बताया है। जस्टिस सीकरी ने इस मामले पर अपना फैसला पढ़ा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आधार से पैन को जोड़ने का फैसला बरकरार रहेगा। साथ ही कोर्ट ने कहा कि बैंक खाते से आधार को जोड़ना अब जरूरी नहीं। आधार कार्ड पिछले कुछ साल में चर्चा का विषय बना है। आइए जानते हैं वह कौन सी बातें थी जो आधार के पक्ष में गईं:

- गरीबों को मिलती है ताकत: कई केंद्रीय योजनाओं को आधार से जोड़ा गया है। इससे गरीबों तक मदद सीधे पहुंच रही है। इसी पर जज ने कहा कि आधार कार्ड गरीबों की ताकत का जरिया बना है, इसमें डुप्लीकेसी की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा कि आधार पर हमला करना लोगों के अधिकारों पर हमला करने के समान है।

- आधार पर हमला संविधान के खिलाफ है: आधार की संवैधानिक वैधता पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला पढ़ते हुए जस्टिस सीकरी ने कहा कि आधार पर हमला संविधान के खिलाफ है। फैसला पढ़ते हुए जस्टिस एके सीकरी ने कहा कि ये जरूरी नहीं है कि हर चीज बेस्ट हो, कुछ अलग भी होना चाहिए। आधार कार्ड पिछले कुछ साल से चर्चा का विषय बना है।

- आधार में देनी पड़ती है कम जानकारी: आधार की संवैधानिक वैधता पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला पढ़ते हुए जस्टिस सीकरी ने कहा कि आधार के लिए काफी कम जानकारी ली जाती है। ऐसे में लोगों की निजी जानकारी सुरक्ष‍ित है।

- आधार के डुप्लीकेट का कोई खतरा नहीं: आधार की संवैधानिक वैधता पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला पढ़ते हुए जस्टिस सीकरी ने कहा कि डुप्लीकेट आधार नहीं बनाया जा सकता है। आधार एकदम सुरक्षित है।

- मौलिक अधिकारों पर बैन लग सकता है: जस्टिस सीकरी ने यह भी कहा कि लोगों को सशक्त बनाने के लिए मौलिक अधिकारों पर बैन लग सकता है।

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के नेतृत्व में पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 38 दिनों तक चली लंबी सुनवाई के बाद 10 मई को मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। मामले में उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश के एस पुत्तास्वामी की याचिका सहित कुल 31 याचिकाएं दायर की गयी थीं। दरअसल, केंद्र ने आधार योजना का बचाव किया था कि जिनके पास आधार नहीं है उन्हें किसी भी लाभ से बाहर नहीं रखा जाएगा। आधार सुरक्षा के उल्लंघन के आरोपों पर केंद्र ने कहा कि डेटा सुरक्षित है और इसका उल्लंघन नहीं किया जा सकता। केंद्र ने यह भी तर्क दिया कि आधार समाज के कमजोर और हाशिए वाले वर्गों के अधिकारों की रक्षा करता है और उन्हें बिचौलियों के बिना लाभ मिलते हैं और आधार ने सरकार के राजकोष में 55000 करोड़ रुपये बचाए हैं।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि जब तक मामले में कोई फैसला नहीं आ जाता तब तक आधार लिंक करने का ऑप्शन खुला रहना चाहिए। इसके अलावा सख्त रुख अपनाते हुए कोर्ट ने निर्देश दिया था कि सरकार आधार को अनिवार्य करने के लिए लोगों पर दबाव नहीं बना सकती है।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन lifeberrys हिंदी की वेबसाइट पर। जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश से जुड़ीNews in Hindi

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com