सबरीमाला मंदिर में दर्शन के लिए ज़िद पर अड़ीं तृप्ति, प्रदर्शनकारियों ने एयरपोर्ट पर रोका, धारा 144 लागू
By: Priyanka Maheshwari Fri, 16 Nov 2018 2:42:46
केरल ( Kerala ) के बहुचर्चित सबरीमाला मंदिर ( Sabarimala Temple ) में हर उम्र की महिलाओं की एंट्री को लेकर जारी विवाद के बीच शुक्रवार को दो महीने के लिए मंदिर के द्वार फिर खुल रहे हैं, लेकिन गुरुवार रात से ही वहां 22 नवंबर तक धारा 144 लागू कर दी गई है। इसमें प्रवेश के लिए सामाजिक कार्यकर्ता और भूमाता ब्रिगेड की संस्थापक तृप्ति देसाई केरल के कोच्चि एयरपोर्ट पर पहुंच चुकी हैं। हालांकि उन्हें एयरपोर्ट से बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है। उनके विरोध में हजारों लोग एयरपोर्ट के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि तृप्ति देसाई मंदिर की शांति और व्यवस्था में विघ्न पहुंचाना चाह रही हैं। विरोधी प्रदर्शनकारियों के नेता राहुल ईश्वर का कहना है कि तृप्ति को दर्शन करने से पहले विरोधी कार्यकर्ताओं के लाशों से गुजरना होगा। तृप्ति देसाई ( Trupti Desai ) ने ऐलान किया था कि वो आज मंदिर में दाखिल होंगी और भगवान अयप्पा के दर्शन करेंगी।
कई प्रदर्शनकारियों ने तृप्ति देसाई को बुरे परिणाम भुगतने की धमकी दे चुके हैं। कई लोगों ने कहा है कि अगर तृप्ति देसाई ऐसा करती हैं तो वे लोग सामूहिक आत्महत्या कर लेंगे। बहरहाल पूरे क्षेत्र में माहौल काफी खराब है। इससे पहले तृप्ति देसाई सुबह 4ः30 बजे ही कोच्चि एयरपोर्ट पर पहुंच गईं। उन्होंने आरोप लगाया है कि उन्हें एयरपोर्ट से बाहर निकलने नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब हमने टैक्सी बुक की तो ड्राइवर्स को धमकी दी गई कि उनके गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया जाएगा।
We reached Cochin Airport at 4:30 am. Protests were being held outside. We booked Taxi 2-3 times but drivers have been threatened that their vehicle will be vandalised if they offer us a drive. Police have said that we can't go outside now: Trupti Desai pic.twitter.com/ksHAAPzejb
— ANI (@ANI) November 16, 2018
Kochi: Trupti Desai, founder of Bhumata Brigade, having breakfast at Cochin International Airport as she hasn't been able to leave the airport yet due to protests being carried out against her visit to #Sabarimala Temple. #Kerala pic.twitter.com/ILDV7silTx
— ANI (@ANI) November 16, 2018
तृप्ति देसाई ने कहा कि पुलिस के साथ उन्होंने दूसरे गेट से प्रवेश करने का फैसला किया लेकिन दूसरे गेट पर भी प्रदर्शनकारी प्रदर्शन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उन्हें पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई जाए। वह बिना दर्शन किए इस बार नहीं जाने वाली हैं।
विवाद के बीच तृप्ति देसाई ने केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को एक पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की है। आपको बता दें कि तृप्ति काफी समय से स्त्रियों के मंदिरों में भेदभाव को लेकर एक मुहिम चला रखी हैं। कुछ समय पहले उनके द्वारा 400 साल पुरानी शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर आवाज उठाई गयी थी।
केरल के डीजीपी लोकनाथ बेहरा ने गुरूवार को कहा कि सबरीमाला मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को दर्शन के बाद रात में मंदिर परिसर में ठहरने की इजाजत नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि पिछले साल की तुलना में मंदिर और आसपास पुलिस की मौजूदगी दोगुना कर दी गयी है। बेस कैंप निलक्कल में सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा के बाद बेहरा ने संवाददाताओं से कहा कि मंदिर परिसर में किसी को ठहरने की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने कहा कि अक्टूबर तथा इस महीने मासिक पूजा के लिए कपाट खुलने पर मंदिर के आसपास प्रदर्शन के कारण वाजिब पाबंदी लगाने का फैसला किया गया। बेहरा ने कहा कि सभी श्रद्धालुओं को उनकी वापसी के पहले दर्शन करने का मौका जरूर दिया जाएगा।
जानें कौन हैं तृप्ति देसाई
केरल के सबरीमाला मंदिर ही नहीं बल्कि देश के कई मंदिर में महिलाओं को प्रवेश दिलाने में तृप्ति की अहम भूमिका रही है. 'भूमाता ब्रिगेड' संस्था की कार्यकर्ता तृप्ति ने सबरीमाला के अलावा हाजी अली दरगाह, महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर, नासिक के त्रयंबकेश्वर, कपालेश्वर और कोल्हापुर के महालक्ष्मी मंदिर के द्वार महिलाओं के लिए खुलवाने में संघर्ष किया.
कर्नाटक के बेल्जियम जिले के निपानी तलुका में जन्मीं तृप्ति की स्कूलिंग पुणे के विद्या विकास विद्यालय से हुई. आठ साल की उम्र में परिवार के साथ कोल्हापुर से पुणे शिफ्ट हुई. उन्होंने मुंबई की SNDT महिला यूनिवर्सिटी में ग्रेजुएशन में दाखिला लिया. लेकिन ग्रेजुएशन के पहले ही साल में कुछ पारिवारिक कारणों से कॉलेज छोड़ना पड़ा. इसके बाद में संस्था 'क्रांतीवीर झोपड़ी विकास संघ' की प्रेज़ीडेंट बनीं. इस दौरान वे स्लम इलाकों पर काम करती थीं.
इलेक्शन भी लड़ चुकी हैं तृप्ति
उन्होंने भूमाता ब्रिगेड संस्था की स्थापना की, जिसका हेडक्वार्टर मुंबई में है. वे पहली बार 2007 में लाइम लाइट में तब आईं, जब उन्होंने 'अजीत को-ओपरेटिव बैंक' के चेयरमैन अजीत पवार पर 50 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप लगाया. इसके बाद वे 2012 के सिविक इलेक्शन में बालाजी नगर वार्ड से बतौर कांग्रेस कैंडिडेट खड़ी हुई. 2010 में उन्होंने भूमाता ब्रिगेड की स्थापना की. उसके बाद से वे धार्मिक जगहों पर महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक हटवाने के लिए जानी जाने लगीं. उनकी संस्था की शाखाएं अहमदनगर, नासिक और शोलापुर में भी हैं. इस संस्था से 5000 से ज्यादा महिलाएं जुड़ी हुई हैं. 2011 में उन्होंने अन्ना हजारे के IAC यानी इंडिया अगेंस्ट करप्शन में हिस्सा लिया.