सबरीमाला : महिलाओं के प्रवेश के बाद मुख्‍य पुजारियों ने किया मंदिर बंद, कहा - होगा 'शुद्धिकरण'

By: Priyanka Maheshwari Wed, 02 Jan 2019 12:20:56

सबरीमाला : महिलाओं के प्रवेश के बाद मुख्‍य पुजारियों ने किया मंदिर बंद, कहा - होगा 'शुद्धिकरण'

केरल के प्रस‍िद्ध सबरीमाला मंदिर में बुधवार को 40 साल की उम्र की दो महिलाओं की एंट्री हुई है और इस तरह से मंदिर के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है। महिलाओं ने करीब आधी रात में मंदिर की ओर चढ़ाई शुरू की और करीब 3.45 बजे मंदिर पहुंच गईं। भगवान अय्यपा के दर्शन करने के बाद वे दोनों लौट गईं। दोनों महिलाओं के प्रवेश के बाद यहां सदियों पुरानी वह परंपरा टूट गई, जिसमें महिलाओं को होने वाले मासिक धर्म के कारण 10 साल की लड़कियों से लेकर 50 साल की महिलाओं तक के मंदिर में प्रवेश पर पारंपरिक रूप से पाबंदी लगी हुई थी। महिलाओं के मंदिर में प्रवेश के बाद अब तत्‍काल इसे बंद कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि 'शुद्धि‍करण' के लिए यह फैसला लिया गया है।

मंदिर बंद किए जाने संबंधी सूचना 'तंत्र‍ि' (मुख्‍य पुजारी) ने त्रावणकोर देवासम बोर्ड के अध्‍यक्ष को सीधे तौर पर दी। इस वक्‍त 'तंत्रि' ही इस मामले में व‍िभिन्‍न पक्षों से बात कर रहे हैं। मंदिर बंद किए जाने के फैसले के बाद श्रद्धालुओं को सबरीमला सन्‍न‍िधानम से पंबा कैंप में शिफ्ट किया जा रहा है। मंदिर सूत्रों ने इसकी वजह एक खास 'धार्मिक अनुष्‍ठान' को बताया है, जो अमूमन नहीं होता। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि यह फैसला महिलाओं के मंदिर में प्रवेश के बाद 'शुद्धिकरण' के लिए लिया गया है। मंदिर बंद किए जाने के बाद यहां बड़ी संख्‍या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। मंदिर बंद किए जाने का फैसला मुख्‍य पुजारियों तंत्रि और मेलशांति के द्वारा लिया गया है। प्रदेश की वामपंथी सरकार ने अचानक मंदिर बंद किए जाने की आलोचना करते हुए कहा कि मंदिर प्रशासन सुप्रीम कोर्ट पर भी सवाल उठा रहा है।

दो महिलाओं बिंदू और कनकदुर्गा को बुधवार तड़के करीब 3।45 बजे मंदिर में प्रवेश और भगवान अयप्‍पा के दर्शन का अवसर मिला। पुलिस ने उन्‍हें सुरक्षा प्रदान की थी। उन्‍होंने मंगलवार आधी रात के बाद ही मंदिर के लिए अपनी यात्रा शुरू कर दी थी। इन महिलाओं को इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के करीब 3 महीने बाद मंदिर में प्रवेश को लेकर कामयाबी मिली।

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बीती 28 सितंबर को हर आयु वर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति देने का फैसला किए जाने के बाद से सबरीमाला में हिंदू समूहों द्वारा लगातार इस फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। उनका कहना है कि यह फैसला धार्मिक परंपरा के खिलाफ है।

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