आरक्षण पर बोले मोहन भागवत, कहा - पक्ष और विपक्ष लोगों के बीच सद्भावपूर्ण माहौल में बातचीत होनी चाहिए
By: Pinki Mon, 19 Aug 2019 09:02:10
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने रविवार को कहा कि जो आरक्षण (Reservation) के पक्ष में हैं और जो इसके खिलाफ हैं उन लोगों के बीच इस पर सद्भावपूर्ण माहौल में बातचीत होनी चाहिए। भागवत 'ज्ञान उत्सव' के समापन सत्र में बोल रहे थे जो प्रतियोगी परीक्षाओं पर था। भागवत ने कहा कि उन्होंने पहले भी आरक्षण पर बात की थी लेकिन इससे काफी हंगामा मचा और पूरी चर्चा वास्तविक मुद्दे से भटक गई। दरहसल, आरएसएस प्रमुख ने आरक्षण नीति की समीक्षा करने की वकालत की थी, जिस पर कई दलों और जाति समूहों की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आयी थी।
भागवत ने कहा कि आरक्षण का पक्ष लेने वालों को उन लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए बोलना चाहिए जो इसके खिलाफ हैं और इसी तरह से इसका विरोध करने वालों को इसका समर्थन करने वालों के हितों को ध्यान में रखते हुए बोलना चाहिए। उन्होंने कहा कि आरक्षण पर चर्चा हर बार तीखी हो जाती है जबकि इस दृष्टिकोण पर समाज के विभिन्न वर्गों में सामंजस्य जरूरी है। नरेंद्र मोदी सरकार पर आरएसएस के प्रभाव की धारणा के बारे में बात करते हुए भागवत ने कहा, 'चूंकि बीजेपी और इस सरकार में संघ कार्यकर्ता हैं, वे आरएसएस को सुनेंगे, लेकिन उनके लिए हमारे साथ सहमत होना जरूरी नहीं है। वे असहमत भी हो सकते हैं।'
उन्होंने कहा कि चूंकि बीजेपी सरकार में है, उसे व्यापक आधार पर देखना होगा और वह आरएसएस की बात से असहमत हो सकती है। उन्होंने कहा कि एक बार पार्टी के सत्ता में आने के बाद उसके लिए सरकार और राष्ट्रीय हित प्राथमिकता बन जाते हैं। ज्ञान उत्सव का आयोजन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास द्वारा यहां इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) में किया गया था।