राम मंदिर पर संसद में बिल लाएंगे बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा, राहुल गांधी को समर्थन का चैलेंज
By: Priyanka Maheshwari Thu, 01 Nov 2018 2:53:23
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मुद्दा एक बार फिर राजनीति के केंद्र में है। लगातार इसको लेकर उठती मांग के बीच अब संघ विचारक और राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा इस पर प्राइवेट मेंबर बिल ला सकते हैं। गुरुवार को राकेश सिन्हा ने ट्वीट कर कहा कि जो लोग बीजेपी और आरएसएस को उलाहना दे रहे हैं कि राम मंदिर की तारीख बताएं क्या वह उनके प्राइवेट बिल का समर्थन करेंगे। उन्होंने ट्विटर के जरिए ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, लेफ्ट नेता सीताराम येचुरी, लालू प्रसाद यादव और मायावती से सीधा सवाल किया, कि क्या वह उनके इस बिल का समर्थन करेंगे। वे लगातार बीजेपी और संघ पर तारीख नहीं बताएंगे की बात कहते हैं, क्या अब वह जवाब देंगे।
जो लोग @BJP4India @RSSorg को उलाहना देते रहते हैं कि राम मंदिर की तारीख़ बताए उनसे सीधा सवाल क्या वे मेरे private member bill का समर्थन करेंगे ? समय आ गया है दूध का दूध पानी का पानी करने का .@RahulGandhi @yadavakhilesh @SitaramYechury @laluprasadrjd @ncbn
— Prof Rakesh Sinha (@RakeshSinha01) November 1, 2018
उन्होंने लिखा कि अब समय आ गया है कि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए। राज्यसभा सांसद ने लिखा कि सुप्रीम कोर्ट ने आखिर आर्टिकल 377, जलीकट्टू, सबरीमाला पर निर्णय लेने पर कितने दिन लिए? अयोध्या का मामला उनकी प्राथमिकताओं में नहीं है, लेकिन हिंदुओं की प्राथमिकता में वह जरूर है। उन्होंने कहा कि अगर वे प्राइवेट मेंबर बिल लाएंगे तो क्या उन्हें समर्थन मिलेगा? बता दें कि राम मंदिर पर बुधवार को संघ ने कहा कि मंदिर निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण को लेकर कानून बनाना चाहिए ठीक उसी तरह जैसे सरदार वल्लभभाई पटेल ने गुजरात में सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण कराया था।
इसी बीच राम मंदिर पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि वे (BJP) सोचते हैं कि भगवान राम उन्हें 2019 का चुनाव जिता देंगे। मगर चुनाव जीतने में ईश्वर मदद नहीं करेंगे क्योंकि वोट जनता करती है, भगवान राम या अल्लाह वोट नहीं करेंगे। दरअसल, राम मंदिर निर्माण की बात बीजेपी के घोषणा पत्र में भी है और जिन मुद्दों के सहारे बीजेपी सत्ता में आई, उनमें से एक प्रमुख अयोध्या में राम मंदिर का मामला भी है। बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में कहा था कि जब वह सत्ता में आएगी, राम मंदिर बनवाएगी। मगर साढ़े चार साल होने के बाद भी राम मंदिर न बनने पर विपक्ष अक्सर चुटकी लेते रहता है। कई दलों के नेता राम मंदिर के निर्माण की तारीख को लेकर बीजेपी को घेरते रहे हैं।
राकेश सिन्हा के इस बिल पर शिवसेना का कहना है कि अगर इस प्रकार का बिल संसद में पेश किया जाता है तो वह समर्थन करेंगे। वहीं समाजवादी प्रवक्ता जूही सिंह का कहना है कि अगर कोई सांसद प्राइवेट बिल ला रहा है तो क्या बीजेपी और आरएसएस का बतौर संगठन ये मुद्दा खत्म हो गया है। उन्होंने कहा कि हमारा स्टैंड साफ है कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसला का इंतजार करेंगे और वही मानेंगे।
Will @RahulGandhi @SitaramYechury @laluprasadrjd Mayawati ji support Private member bill on Ayodhya? They frequently ask the date ‘तारीख़ नही बताएँगे ‘ to @RSSorg @BJP4India ,now onus on them to answer
— Prof Rakesh Sinha (@RakeshSinha01) November 1, 2018
संघ की बैठक में गूंजा राम मंदिर
गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की तरफ से लगातार केंद्र की मोदी सरकार पर राम मंदिर निर्माण को लेकर दबाव बनाया जा रहा है। महाराष्ट्र में चल रही संघ की बैठक में भी इस मुद्दे पर मंथन हुआ।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने बुधवार को अयोध्या में भव्य राम मंदिर के शीर्घ निर्माण के लिए अध्यादेश लाने या कानून बनाने की अपनी मांग को दोहराया। आरएसएस के संयुक्त महासचिव मनमोहन वैद्य ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण राष्ट्रीय गौरव का विषय है और अभी तक अयोध्या विवाद का हल अदालतों में नहीं निकला है।
डॉ. मनमोहन वैद्य ने कहा कि अब सरकार को चाहिए कि राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण कर काम शुरू किया जाए और राष्ट्र के गौरव को बहाल करना चाहिए। वैद्य की यह टिप्पणी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तीन दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारिणी मंडल के मद्देनजर आई है जिसका उद्घाटन आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने किया था।
क्या होता है प्राइवेट मेंबर बिल?
लोकसभा और राज्यसभा में जो सांसद मंत्री नहीं है वह एक निजी सदस्य कहलाता है। लोकसभा में ऐसे सदस्यों की ओर से पेश किए गए विधेयक को निजी विधेयक कहते हैं। हालांकि निजी विधेयक के पारित होने की सम्भावना कम होती है। प्रत्येक शुक्रवार को संसदीय कार्यवाही के आखिरी दो या ढाई घंटों का समय निजी बिल के लिए तय रहता है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा था कि अगले साल जनवरी से उचित पीठ राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद से जुड़े मामलों की सुनवाई करेगी। इसके बाद विवादित स्थल पर मंदिर के जल्द निर्माण के लिए कानून बनाए को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा और आरएसएस के भीतर से मांग उठने लगी है। कांग्रेस कह चुकी है कि सभी पक्षों को न्यायालय के आदेश का पालन करना चाहिए।