राजस्थान : शिक्षा क्षेत्र में सहयोग के लिए प्रवासी आगे आएं - वासुदेव देवनानी

By: Priyanka Maheshwari Sat, 09 June 2018 6:14:18

राजस्थान : शिक्षा क्षेत्र में सहयोग के लिए प्रवासी आगे आएं - वासुदेव देवनानी

जयपुर। शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने विद्या के लिये दिये दान को सर्वोपरी बताया है। उन्होंने प्रवास में बसे राजस्थानियों का आह्वान किया कि वे अपनी मातृभूमि राजस्थान को शिक्षा में देश का अग्रणी बनाने के लिए हर संभव सहयोग करें। उन्होंने ज्ञान संकल्प पोर्टल और ‘मुख्यमंत्री विद्या दान कोश’ में अधिकाधिक सहयोग कर शैक्षिक सुदृढ़ता के लिए किये जा रहे राज्य सरकार के प्रयासों में सहयोग का आह्वान किया।

श्री देवनानी ने कोलकता में राजस्थान परिषद के तत्वावधान में आयोजित संगोष्ठी और आईलीड संस्थान के अंतर्गत प्रवासी राजस्थनियो से किए आत्मीय संवाद में यह बात कही। उन्होने प्रवास में बसे राजस्थानी भाई-बहिनों को अपने-अपने क्षेत्र के विद्यालयों को गोद लेने और वहां पर शिक्षा के विकास में सहभागी बनने की अपील की। उन्होने राज्य में शिक्षा उन्नयन कायोर्ं की चर्चा भी की। उन्होंने कहा कि व्यक्ति के सवार्ंगीण विकास का एक प्रमुख आधार शिक्षा ही है। इसे दृष्टिगत रखे हुए ही राजस्थान मे शैक्षिक उन्नयन को सर्वोपरी रखते हुए कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज देशभर में राजस्थान के शिक्षा मॉडल की चर्चा है। इसलिए कि शिक्षा में सर्वाधिक नवाचार अपनाते हुए राजस्थान में जमीनी स्तर पर शिक्षा को सुदृढ़ करने का प्रयास किया गया है। उन्होंने प्रवास मे बसे राजस्थानयो का आह्वान किया कि उनके साथ मिलकर निकट भविष्य में राजस्थान मे और भी कुछ महत्वपूर्ण किया जा सकेगा।

देवनानी ने कहा कि पिछले चार वर्षो में राजस्थान में मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे के नेतृत्व में शिक्षा के कायाकल्प की पहल की गयी है। राजस्थान आज देश भर में शिक्षा क्षेत्र में सर्वोच्च राज्यों में कर्नाटक के बाद दूसरे स्थान पर है। उन्होंने राजस्थान मे शैक्षिक गुणवत्ता में हुई वृद्धि, तकनीक के जरिए हुए अभूतपर्वू शैक्षिक विकास और राजकीय विद्यालयों के स्तर में तेजी से हुई वृद्धि के बारे में प्रवासी राजस्थानियो को जानकारी दी तथा कहा कि शिक्षा के विकास को निरंतर जारी रखने के लिए प्रवासी मदद करे। उन्होंने मुख्यमंत्री विद्या दान कोश और ‘ज्ञान संकल्प पोर्टल’ मे ंऑनलाईन सहयोग करने, प्रवासी राजस्थानियो को अपने-अपने गांवों में विद्यालयो को गोद लेकर उनका विकास करने पर जोर दिया।

शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि यह ज्ञान युग है। राजस्थान में शिक्षण संस्थानो ंमें विद्यार्थियो को ज्ञानयुक्त करने के साथ ही संस्कारों की शिक्षा देने की पहल की गयी है। उन्होंने आदर्श और उत्कृष्ट विद्यालयों तथा स्वामी विवेकानंद मॉडल विद्यालयों के तहत विद्यार्थियों को दी जाने वाली गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के प्रयासो ंके बारे में विस्तार से बताया।

इस दौरान शिक्षा विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री नरेश पाल गंगवार, सर्व शिक्षा अभियान के आयुक्त डॉ. जोगाराम और आईलीड संस्थान के अध्यक्ष श्री प्रदीप चोपडा, राजस्थान परिषद अध्यक्ष शार्दुल सिंह जैन ने भी राजस्थान मे शिक्षा क्षेत्र में सभी को सहयोग करने पर जोर दिया। संवाद के अंतर्गत श्री बंशीधर शर्मा, अरुण प्रकाश मल्लावत आदि ने भी विचा रखे।

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