7 महीने की मासूम से दुष्कर्म मामले में 19 वर्षीय दोषी को ढाई महीने में फांसी की सजा, नए कानून के तहत राजस्थान में पहला फैसला
By: Priyanka Maheshwari Sat, 21 July 2018 10:40:53
राजस्थान के अलवर में सात माह की बच्ची के साथ रेप के दोषी को घटना के 70 दिन में ही शनिवार को मौत की सजा सुनाई गई है। अलवर की एससी-एसटी कोर्ट ने रोजाना सुनवाई की और 19 वर्षीय पिंटू को अपहरण और दुष्कर्म का दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुना दी। घटना 9 मई की है।
अलवर में मासूम के साथ रेप की इस घटना के बाद लोग उग्र हो गए थे और प्रदर्शन के दौरान आरोपी को फांसी की सजा की मांग कर रहे थे। राजस्थान में पॉक्सो एक्ट के तहत इतनी त्वरित सुनवाई के बाद फैसला आने का यह पहला मामला है।
इस बहुचर्चित मामले के तहत लक्ष्मणगढ़ थाना क्षेत्र के हरसाना गांव में गत 9 मई की रात सरकारी स्कूल के मैदान में सात माह की बच्ची लहूलुहान हालत में रोते-बिलखते मिली थी। पिता ने 10 मई को नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि बच्ची की मां पानी लेने गई थी और बच्ची को अपनी जेठानी के पास सोती छोड़ गई थी। जेठानी देख पाने में सक्षम नहीं है।
पिंटू बच्ची को उसके घर से उठाकर ले गया था। पिता किसी काम से घर से बाहर गया हुआ था, घर पर उसकी दृष्टिहीन भाभी थी। उसके पास बच्ची सो रही थी। पिंटू शाम को घर आया और बच्ची को खिलाने के बहाने जबरन ले गया। पिता के मुताबिक, जब वह घर पहुंचा तो उसकी मां और पत्नी पानी लेने गई हुई थीं। भाभी से बच्ची के बारे में पूछा तो उसने बताया कि आधे घंटे पहले पिंटू बच्ची को ले गया था। पुलिस ने पिंटू को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ 363, 366, 376एबी, 5एम/6 पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया।
रोजाना शुरू की सुनवाई, 22 कार्य दिवसों में फैसला रखा सुरक्षित
विशिष्ट न्यायाधीश जगेंद्र अग्रवाल ने मामले की गंभीरता को देखते हुए 28 जून से रोजाना सुनवाई शुरू की थी। न्यायाधीश ने 22 अदालती कार्य दिवसों में हुई सुनवाई के तहत मंगलवार को दोनों पक्षों की अंतिम बहस सुनी और बुधवार को फैसला सुरक्षित रख लिया था। जिसे शनिवार को सुना दिया गया।