CM की दौड़ में सचिन से आगे निकले अशोक गहलोत, नजर डाले दोनों नेताओं की खूबियों और खामियों पर

By: Priyanka Maheshwari Thu, 13 Dec 2018 3:53:59

CM की दौड़ में सचिन से आगे निकले अशोक गहलोत, नजर डाले दोनों नेताओं की खूबियों और खामियों पर

राजस्थान की सियासी जंग को कांग्रेस ने फतह कर लिया है। इसके बाद मुख्यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर लंबे समय से चली आ रही असंजस की स्थिति अब साफ होती दिख रही है। राहुल गांधी से कांग्रेस पर्यवेक्षकों और दोनों नेताओं (अशोक गहलोत और सचिन पायलट) के साथ हुई मीटिंग के बाद गहलोत का नाम लगभग तय माना जा रहा है। हालांकि, अभी भी पूरी तरह से साफ नहीं हो पाया है कि अशोक गहलोत ही सीएम बनेंगे या फिर सचिन पायलट। वैसे खबर है कि शह-मात के इस खेल में एक बार फिर गहलोत भारी पड़ गए। तो आइये नजर डालते हैं दोनों नेताओं की खूबियों और खामियों पर

rajasthan,rajasthan chief minister,rahul gandhi,congress,ashok gehlot,sachin pilot ,राजस्थान,अशोक गहलोत,राहुल गांधी,कांग्रेस,सचिन पायलट,मुख्यमंत्री

अशोक गहलोत

ताकत

- सियासत का लंबा अनुभव- अशोक गहलोत दो बार राजस्थान के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और यही उनकी सबसे बड़ी ताकत है। छोटी उम्र में प्रदेश अध्यक्ष बन गए थे।

- राहुल के करीबी- कांग्रेस के केंद्रीय संगठन में संगठन महासचिव के पद पर काबिज। यह शक्तिशाली पद है और राहुल के सबसे नजदीकी नेताओं में गिने जाते हैं।

- राजस्थान के सभी जिलों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच अच्छी पैठ।

- प्रदेश की सभी जातियों को साधकर रखने में माहिर है। बुजुर्ग नेताओं के बीच गहरी पैठ।

- बतौर सीएम अपनी कई योजनाओं की वजह से जनता के बीच अच्छी छवि।

कमजोरी

- गहलोत विधानसभा चुनाव हारने के बाद से राजस्थान से ज्यादा दिल्ली की सियासत में सक्रिय हैं।

- राजस्थान में वसुंधरा राजे के खिलाफ संघर्ष से दूर रहे।

- प्रदेश में उन पर गुटबाजी का आरोप लगता रहा है। सचिन पायलट को भी खुलकर काम करने का मौका नहीं देने का आरोप।

- गहलोत का उम्रदराज होना सीएम बनने की राह में एक रोड़ा हो सकता है। वे 77 साल के हैं।

- गहलोत सैनी समाज से आते हैं, इस समाज की आबादी राजस्थान में महज 3 फीसदी है।

rajasthan,rajasthan chief minister,rahul gandhi,congress,ashok gehlot,sachin pilot ,राजस्थान,अशोक गहलोत,राहुल गांधी,कांग्रेस,सचिन पायलट,मुख्यमंत्री

सचिन पायलट

ताकत

- सचिन पायलट पार्टी के युवा चेहरे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का करीबी होना उनकी सबसे बड़ी ताकत है।

- कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद से पायलट ने लगातार वसुंधरा राजे के खिलाफ संघर्ष करके सत्ता विरोधी माहौल बनाया। पार्टी को 21 से 99 सीटों तक पहुंचाने में अहम भूमिका रही।

- दिलाई कामयाबी- पायलट के नेतृत्व में पांच साल में जितने भी चुनाव और उपचुनाव हुए सभी कांग्रेस ने जीते। इनमें चार विधानसभा और दो लोकसभा सीटें शामिल हैं।

- किसी भी तरह के विवाद और विवादित बयानों से दूर।

- सौम्य, सभ्य, गंभीर और सकारात्मक राजनीति करने वाले नेता बनकर उभरे हैं।

कमजोरी

- सचिन पायलट के सीएम बनने में सबसे बड़ी कमजोरी, उनकी जाति आड़े आ रही है। वो गुर्जर समुदाय से आते हैं और प्रदेश में बहुत बड़ा वोटबैंक नहीं है।

- सीएम जैसा पद संभालने का अनुभव नहीं है।

- बुजुर्ग नेताओं के बीच पैठ नहीं। ऐसे बुजुर्ग नेताओं की बड़ी संख्या है, जो उनके सीएम बनने के पक्ष में नहीं है।

- प्रदेश के सभी इलाकों और सभी जाति समूहों में पैठ नहीं।

- बाहरी होना- पायलट मूलरूप से यूपी के रहने वाले हैं। ऐसे में राजस्थान से बाहर के होने के चलते यह भी एक कमजोरी है।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन lifeberrys हिंदी की वेबसाइट पर। जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश से जुड़ीNews in Hindi

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com