CM उम्मीदवारी पर अशोक गहलोत का बड़ा बयान, कही यह बात...

By: Priyanka Maheshwari Mon, 19 Nov 2018 08:40:03

CM उम्मीदवारी पर अशोक गहलोत का बड़ा बयान, कही यह बात...

कांग्रेस ( Congress ) के वरिष्ठ नेता और राजस्थान ( Rajasthan ) के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( Ashok Gehlot ) ने रविवार को कहा कि वह किसी पद को प्राथमिकता नहीं देते तथा मुख्यमंत्री पद के संबंध में पार्टी आलाकमान के फैसले का पालन करेंगे। गहलोत ने राजस्थान विधानसभा ( Rajasthan Vidhan Sabha ) में कांग्रेस की जीत होने की स्थिति में खुद को मुख्यमंत्री पद की होड़ से अलग नहीं किया और कहा कि पार्टी के हित में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) उन्हें जो भी जिम्मेदारी सौंपेंगे, उसके लिए वह तैयार हैं।

प्रभावशाली कांग्रेस महासचिव गहलोत ( Ashok Gehlot ) ने कहा, ‘‘कांग्रेस ( Congress ) अध्यक्ष मुझे जो भी जिम्मेदारी सौंपेंगे, उसके लिए मैं तैयार हूं। मैं किसी भी पद के लिए किसी तरह की लॉबिंग के खिलाफ हूं। मैंने कभी लॉबिंग नहीं की, यहां तक कि उस समय भी नहीं, जब मैं मुख्यमंत्री के रूप में असंतोष का सामना कर रहा था। अगर वे (आलाकमान) पार्टी के हित में मुझे राजस्थान भेजते हैं तो यह उनका निर्णय होगा।''

उन्होंने कहा कि पांच बार लोकसभा सदस्य, तीन बार केंद्रीय मंत्री और दस साल तक राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में अपने लंबे राजनीतिक सफर के साथ वह ‘‘काफी संतुष्ट'' हैं।

उनसे सवाल किया गया था कि अगर कांग्रेस राजस्थान विधानसभा में जीत हासिल करती है तो क्या वह मुख्यमंत्री पद की होड़ में शामिल होंगे।, इसके जवाब में गहलोत ने कहा, "मेरे लिए कोई पद प्राथमिकता नहीं है। मैं अपनी राजनीतिक पारी से काफी संतुष्ट हूं और अब मेरे सामने सवाल यह है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी को पहले राजस्थान में और फिर देश में सत्ता में कैसे लाया जाए। मुझे जो भी जिम्मा सौंपा जाएगा, उसे मैं स्वीकार करूंगा।''

यह पूछे जाने पर कि राजस्थान में चुनाव लड़ रहे सभी वरिष्ठ नेता चुनावों के बाद सत्ता की दौड़ को तेज करेंगे, गहलोत ने कहा, "मुख्यमंत्री के मुद्दे को पार्टी आलाकमान द्वारा सौहार्द्रपूर्ण तरीके से हल किया जाएगा और यह फैसला तीन आधारों - पार्टी का हित, आम लोगों और विधायकों की भावनाएं, पर किया जाएगा।'' उन्होंने कहा, "कोई समस्या नहीं होगी। आलाकमान का निर्णय सभी को स्वीकार्य होगा...वे जो कुछ भी तय करेंगे, वह सबको स्वीकार्य होगा।" उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने मुख्यमंत्री पद के मुद्दे को राजनीतिकरण कारणों से हवा दी है।

यह पूछे जाने पर कि मुख्यमंत्री के रूप में उनके या सचिन पायलट के अलावा कोई नया चहेरा होगा, गहलोत ने कहा कि यह पार्टी आलाकमान फैसला होगा। इस सवाल पर कि मध्य प्रदेश के विपरीत राजस्थान में सभी राज्य नेता चुनाव लड़ रहे हैं, उन्होंने कहा कि यह फैसला कांग्रेस अध्यक्ष ने किया है और उन्होंने इसका स्वागत किया है।

गहलोत ने कहा, "राजस्थान में राजनीति अलग है और कांग्रेस नेतृत्व का मानना है कि सभी नेता जो चुनाव लड़ना चाहते हैं, उन्हें लड़ना चाहिए।"

उन्होंने कहा, "मैं चाहता हूं कि राजस्थान और पूरे देश में पार्टी का झंडा ऊंचा रहे क्योंकि मौजूदा माहौल देश के लिए खतरनाक है तथा लोग चाहते हैं कि कांग्रेस राज्य और केंद्र दोनों स्थानों पर सत्ता में लौटे।"

गहलोत ने कहा कि पहले से मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित नहीं करने की पार्टी की परंपरा रही है और उस परंपरा का सम्मान किया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के भीतर मतभेद पैदा करने के लिए इस तरह के मुद्दों को हवा देना भाजपा की साजिश है और लोग इसे समझते हैं।

गहलोत ने कहा, "भाजपा को यह पूछने का कोई अधिकार नहीं है कि कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा कौन है, क्योंकि वहां 75 दिनों तक खुद ही कोई प्रदेश पार्टी अध्यक्ष नहीं था।"

पैराशूट उम्मीदवारों को टिकट दिए जाने के बारे में उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा नेता मानवेंद्र सिंह को राजनीतिक रणनीति के तहत मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ मैदान में उतारा गया है और यह एक अपवाद है। गहलोत केंद्र में तीन बार इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और नरसिंह राव सरकारों में मंत्री रह चुके हैं। गहलोत और सचिन पायलट दोनों विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। गहलोत अभी सरदारपुरा से विधायक हैं वहीं पायलट टोंक से पहली बार राज्य चुनाव लड़ रहे हैं। पायलट दौसा और अजमेर से सांसद रह चुके हैं।

गहलोत ने कहा कि कांग्रेस जल्द ही अपना घोषणापत्र जारी करेगी जिसमें कृषि संकट से निपटने और कानून व्यवस्था को सुधारने के लिए कदमों का जिक्र होगा। उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री राजे के खिलाफ काफी रोष है और इससे कांग्रेस को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी "चतुर्दिक विकास के साथ बेहतर वैकल्पिक शासन मुहैया कराएगी और सबका कल्याण सुनिश्चित करेगी।'' हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अभियान और भाजपा प्रमुख अमित शाह के संगठनात्मक कौशल से भाजपा को कुछ हद तक मदद मिल सकती है, लेकिन राज्य के लोगों ने भाजपा को राज्य और देश की सत्ता से हटाने का फैसला कर लिया है।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन lifeberrys हिंदी की वेबसाइट पर। जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश से जुड़ीNews in Hindi

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com