रेल यात्री कृपया ध्यान दें, सफर के दौरान अगर बचना है कोरोना वायरस से तो खुद का कंबल लेकर चलें
By: Pinki Sun, 15 Mar 2020 09:09:56
कोरोना वायरस (Coronavirus) भारत में तेजी से फैल रहा है। इस वायरस के देश में 100 से ज्यादा मामले सामने आ चुके है। इसको फैलने से रोकने के लिए सिनेमाघरों जैसे सार्वजनिक स्थानों को बंद कर दिया है। सरकार ने भी लोगों से सार्वजनिक जगहों पर इकट्ठे होने से मना किया है। वेस्टर्न रेलवे ने भी इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए एक शानदार पहल की है। रेलवे ने यात्रियों से अनुरोध किया है कि वह यात्रा के दौरान अपने लिए कंबल घर से लेकर आएं। वेस्टर्न रेलवे के पब्लिक रिलेशन ऑफिसर की तरफ से बयान जारी कर कहा गया कि एसी कोच में मिलने वाली कंबल की रोजाना सफाई नहीं होती है। भारतीय रेलवे ने यात्रियों से यात्रा के दौरान अपना कंबल लाने की सलाह दी है और कहा है कि यह उनके हित में होगा। पश्चिमी रेलवे के PRO ने कहा कि मौजूदा निर्देशों के अनुसार, एसी कोचों में प्रदान किए गए पर्दे और कंबल हर यात्रा में धोए नहीं जाते हैं। COVID-19 को फैलने से रोकने के लिए कंबल और पर्दे को अगले आदेश तक तुरंत सेवा से हटा दिया जाना चाहिए। यात्रियों को अपने स्वयं के हित में अपने कंबल लाने की सलाह दी जानी चाहिए। किसी भी समस्या के लिए कुछ अतिरिक्त चादरें रखी जाएंगी।
Western Railway PRO (Public Relations Officer): Passengers should be advised to bring their own blankets in their own interest. Wide publicly should be given to this effect. Some quantity of additional bed-sheets may be kept for any exigencies. #Coronavirus https://t.co/msYKVruMGa
— ANI (@ANI) March 14, 2020
इसे लेकर पश्चिमी रेलवे ने एक ट्वीट करते हुए कहा, 'कृपया ध्यान दें कि कोरोना वायरस (Coronavirus) की रोकथाम के लिए ट्रेनों के एसी डिब्बों से पर्दे और कंबल हटाने का निर्णय लिया गया है। जरूरत पड़ने पर यात्री अपने कंबल खुद ला सकते हैं। असुविधा के लिए खेद है।'
इसी तरह, दक्षिण पूर्व रेलवे (SER) और ईस्ट कोस्ट रेलवे (ECoR) ने शनिवार को कहा कि उन्होंने सभी ट्रेनों के वातानुकूलित डिब्बों में कंबल और पर्दे के प्रावधान को वापस लेने का फैसला किया, ताकि कोरोना वायरस के प्रसार को रोका जा सके। SER के प्रवक्ता ने कहा कि एसी कोच का तापमान उपयुक्त तरीके से निर्धारित किया जाएगा ताकि यात्रियों को कंबल की आवश्यकता न हो। हालांकि मांगने पर कंबल दिया जाएगा।
वहीं मध्य रेलवे ने सभी डिब्बों को अच्छी तरह साफ-सुथरा करने का निर्देश दिया है। ये हर दिन हजारों यात्रियों के संपर्क में आते हैं।
रेलवे उठा रहा ये कदम
- कोरोना वायरस के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए रेलवे ने बड़े पैमाने पर शुरू किया है। कोरोना वायरस के बारे में सूचना, शिक्षा, और संचार सामग्री (पोस्टर और पर्चे) रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में स्थानीय भाषाओं में आम जनता की जागरूकता के लिए प्रमुखता से प्रदर्शित किए जा रहे हैं।
- कोरोनो वायरस के संदिग्ध मामलों के इलाज के लिए रेलवे अस्पतालों में 1,000 से अधिक आइसोलेशन बेड उपलब्ध कराए गए हैं और 12,000 से अधिक बेड अलग-अलग स्थानों पर तैयार किए गए हैं।
- सभी रेलवे अस्पतालों में कंट्रोल रूम और टेलीफोन हेल्पलाइन स्थापित किए गए हैं।
- रेलवे अस्पतालों में बुखार वाले व्यक्तियों को अन्य रोगियों से अलग किया जा रहा है।
बुखार के मामलों के लिए अलग वार्ड स्थापित किए गए हैं। चिकित्साकर्मियों को सलाह दी गई है कि यदि कोरोनो वायरस के किसी भी मरीज को रेलवे अस्पताल/स्वास्थ्य इकाई के किसी भी क्षेत्र/पीयू में संदिग्ध या रिपोर्ट किया जाता है, तो इसकी सूचना तुरंत रेलवे बोर्ड और स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों को दी जा सकती है।
- सभी चिकित्सा प्रभारियों को सलाह दी गई है कि वे संबंधित राज्य प्राधिकरणों के साथ निरंतर संपर्क में रहें, ताकि विषयों पर जारी दिशा-निर्देश/अपडेट प्राप्त किए जा सकें।
बता दे, कोरोना अब तक देश के 13 राज्यों में फैल चुका है। कोरोना संक्रमण के सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र से आए हैं। महाराष्ट्र में कोरोना के सबसे ज्यादा 31 मरीज हैं। इस तरह से देश में कोरोना मरीजों की संख्या 96 से बढ़कर 101 हो गई है। देश में पहले कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 96 थी। देर रात रिपोर्ट आई कि महाराष्ट्र में 5 और लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं। इनमें से 3 महिलाएं और 2 पुरूष हैं। इन 5 में से 4 लोग दुबई जा चुके हैं, जबकि 21 साल का पांचवा शख्स थाइलैंड से होकर आया है। कोरोना वायरस के कहर को देखते हुए सरकार ने अपने बॉर्डर को सील करने का फैसला किया है। आज से पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और म्यांमार बॉर्डर से आवागमन पर रोक लगा दी गई है। ये कार्रवाई 14 मार्च को 12 बजे रात की गई है। 15 मार्च की 12 बजे रात से पाकिस्तान से लगी सीमा भी सील कर दी जाएगी। अब इन सीमाओं से यात्रियों के प्रवेश पर पाबंदी लग गई है। गृह मंत्रालय ने कहा है कि अगला आदेश जारी होने तक भारत की पड़ोंसी देशों से लगने वाली सीमाओं से आना-जाना प्रतिबंधित है।