पुलवामा हमला: मोदी सरकार ने उठाया सख्त कदम, हुर्रियत के 5 नेताओं की वापस ली सुरक्षा
By: Priyanka Maheshwari Sun, 17 Feb 2019 12:19:57
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने मीरवाइज उमर फारूक (Mirwaiz Umar Farooq) समेत पांच अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली है। यह जानकारी प्रशासन के एक अधिकारी ने दी। अधिकारियों ने बताया कि इन पांच नेताओं और अन्य अलगाववादियों को किसी भी चीज की आड़ में सुरक्षा मुहैया नहीं कराई जाएगी। इस लिस्ट में मीरवाइज़ उमर फारूक के अलावा अब्दुल ग़नी बट्ट, बिलाल लोन, हाशिम कुरैशी और शब्बीर शाह शामिल हैं। प्रशासन ने यह कदम पुलवामा आतंकी हमले (Pulwama Attack) के बाद उठाया है। पुलवामा में गुरुवार को सीआरपीएफ (CRPF)के एक काफिले पर आत्मघाती हमला हुआ था जिसमें इस अर्धसैनिक बल के कम से कम 40 जवान शहीद हो गए थे और कई घायल हुए थे।
सरकार की तरफ से जारी आदेश के मुताबिक, इन अलगाववादियों को मुहैया कराई गई सुरक्षा और दूसरे वाहन वापस ले लिए जाएंगे। इसमें कहा गया है, किसी भी अलगाववादी को सुरक्षाबल अब किसी सूरत में सुरक्षा मुहैया नहीं कराएंगे। अगर उन्हें सरकार की तरफ से कोई अन्य सुविधा दी गई है, तो वह भी तत्काल प्रभाव से वापस ले ली जाएगी। इसके साथ ही अब पुलिस मुख्यालय किसी अन्य अलगाववादियों को मिली सुरक्षा व अन्य व्यवस्थाओं की समीक्षा करेगा और उसे भी तत्काल वापस ले लिया जाएगा।
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को श्रीनगर में हुर्रियत कान्फ्रेंस के नेताओं समेत अलगाववादियों का परोक्ष जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान और उसकी जासूसी एजेंसी आईएसआई से धन पा रहे लोगों को दी गई सुरक्षा पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए। ऐसे तत्व और ताकतें हैं जो पाकिस्तान और आईएसआई से धन लेते हैं। मैंने संबंधित अधिकारियों से उनकी सुरक्षा पर पुनर्विचार करने को कहा है।
उन्होंने कहा था कि जम्मू-कश्मीर में कुछ तत्वों के तार आईएसआई और आतंकवादी संगठन से जुड़े हैं, लेकिन सरकार उनकी सोच को परास्त करेगी। ऐसे लोग जम्मू कश्मीर की जनता और राज्य के युवाओं के भविष्य के साथ खेल रहे हैं। आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई निर्णायक दौर में है और मैं देश को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम इसमें जीतेंगे।
पुलवामा में गुरुवार को सीआरपीएफ की टुकड़ी पर किए गए फिदायीन हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले को लेकर देश भर में गम और गुस्से का माहौल है। हर तरफ यही मांग है कि जवानों की शहादत का बदला लिया जाए। मोदी सरकार इसके लिए एक्शन में भी नज़र आ रही है। इस संबंध में शनिवार को सर्वदलीय बैठक के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह के घर पर एक अहम मीटिंग हुई। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (NSA) अजीत डोभाल, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) चीफ अनिल धस्माना और इंटेलीजेंस ब्यूरो (IB) के एडिशनल डायरेक्टर, गृह सचिव, उमर अब्दुला समेत कई बड़े अधिकारी इस मीटिंग में मौजूद रहे। सूत्रों की मानें, तो इस मीटिंग में पुलवामा हमले का बदला लेने और पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने को लेकर अहम फैसले लिए गए हैं। इससे पहले शनिवार को ही महाराष्ट्र के यवतमाल में बीजेपी की एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने एक बार फिर से पुलवामा हमले का जिक्र कर देशवासियों को आश्वस्त किया। पीएम ने कहा, 'मैंने कल (शुक्रवार) भी कहा है और आज भी दोहरा रहा हूं। पुलवामा के शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। आतंकी संगठनों ने, आतंक के सरपरस्तों ने जो गुनाह किया है, वे चाहे जितना छिपने की कोशिश करें उन्हें सजा जरूर दी जाएगी।'
पाकिस्तानी सामानों पर भारत सरकार ने लगाया 200% सीमा शुल्क
पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने शनिवार को एक और कड़ा कदम उठाते हुये पाकिस्तान से आयातित होने वाले सभी सामानों पर सीमाशुल्क तत्काल प्रभाव से बढ़ाकर 200 प्रतिशत कर दिया। पाकिस्तान से एमएफएन का दर्जा वापस लिये जाने के बाद वहां से आयात होने वाली सभी वस्तुओं पर 200 फीसदी का सीमा शुल्क तत्काल रूप से लागू हो गया है। यह जानकारी केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने दी है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ट्वीट कर कहा कि ‘पुलवामा की घटना के बाद भारत ने पाकिस्तान से व्यापार के लिहाज से सबसे तरजीही देश का दर्जा वापस ले लिया है। इसके बाद पाकिस्तान से भारत में आयात किए जाने वाले सभी तरह के सामान पर सीमाशुल्क तत्काल प्रभाव से बढ़ाकर 200 प्रतिशत कर दिया गया है।' सीमाशुल्क बढ़ने से पाकिस्तान से भारत को किया जाने वाले निर्यात पर काफी बुरा असर पड़ेगा। वर्ष 2017-18 में पाकिस्तान से भारत को 3,482।3 करोड़ रुपये यानी 48।85 करोड़ डॉलर का निर्यात किया गया था। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ट्वीट कर कहा, ‘‘पुलवामा की घटना के बाद भारत ने पाकिस्तान से व्यापार के लिहाज से सबसे तरजीही देश का दर्जा वापस ले लिया है। इसके बाद पाकिस्तान से भारत में आयात किए जाने वाले सभी तरह के सामान पर सीमाशुल्क तत्काल प्रभाव से बढ़ाकर 200 प्रतिशत कर दिया गया है।''